Dowry murder statistics: इस समय एक मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। यह मामला है यूपी के ग्रेटर नोएडा का निक्की हत्याकांड। निक्की को उसके पति और ससुराल वालों ने केमिकल डालकर और फिर लाइटर से आग लगाकर ज़िंदा जला दिया। इस समय हर कोई निक्की के लिए न्याय की मांग कर रहा है। निक्की की मौत की वजह दहेज थी। निक्की का परिवार दामाद विपिन भाटी की हर मांग पूरी करता रहा। लेकिन फिर भी विपिन का लालच कम नहीं हुआ और उसने निक्की की जान ले ली। अगर देश में दहेज की वजह से मरने वाली महिलाओं की बात करें, तो यह आंकड़ा आपके होश उड़ा देगा।
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आंकड़े बेहद डरावने हैं
बता दें, निक्की अकेली नहीं है जिसकी दहेज के कारण मौत हुई। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि दहेज के कारण हर दिन औसतन 20 महिलाओं की हत्या होती है।
- पिछले 22 सालों में दहेज के कारण लगभग 1.8 लाख महिलाओं की मौत हुई है। * 2018 और 2021 के बीच 34,493 मौतें दर्ज की गईं।
- अकेले 2022 में 6,450 हत्याएँ हुईं।
सबसे ज़्यादा मौतों वाले शीर्ष 5 राज्य
1. उत्तर प्रदेश – 11,874 मौतें
2. बिहार – 5,354
3. मध्य प्रदेश – 2,859
4. पश्चिम बंगाल – 2,389
5. राजस्थान – 2,244
अपराध का बढ़ता ग्राफ़
2024 में महिलाओं के ख़िलाफ़ कुल 25,743 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से 24% (6,237) घरेलू हिंसा से संबंधित थीं। 17% (4,383) दहेज उत्पीड़न के मामले थे। निक्की का मामला उन लाखों पीड़ितों का एक चेहरा है जिन्हें या तो दहेज के लिए जला दिया गया, या उन्होंने अपमान और हिंसा सहते हुए खुद अपनी जान दे दी।