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Lucknow: प्रसव के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल प्रशासन और परिजनों पर लापरवाही के आरोप

Lucknow: प्रसव के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल प्रशासन और परिजनों पर लापरवाही के आरोप

By: Swarnim Suprakash | Published: August 20, 2025 8:53:09 PM IST



लखनऊ से जय शुक्ला की रिपोर्ट 
Lucknow: राजधानी लखनऊ के निगोहां इलाके में मंगलवार देर रात प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिजनों में हड़कंप मच गया और देखते ही देखते अस्पताल परिसर में बवाल खड़ा हो गया। मृतका के मायके और ससुराल पक्ष ने एक-दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर कहासुनी हुई और स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई। पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हो सका।

रास्ते में ही महिला की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया

जानकारी के अनुसार, दयालपुर मजरा परमेश्वरखेड़ा निवासी शैलेंद्र की पत्नी प्रेमलता (26) को मंगलवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन निगोहां कस्बे स्थित पारस हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। प्रारंभिक उपचार के बाद प्रेमलता को डिलीवरी के लिए भर्ती कर लिया गया। देर रात अचानक महिला की हालत बिगड़ गई। आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने समय रहते गंभीरता नहीं दिखाई और उसे देर से रेफर किया। महिला को एम्बुलेंस से लखनऊ ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया।

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कहासुनी बढ़ गई और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई

प्रेमलता की मौत की जानकारी मिलते ही परिजन सदमे में आ गए। ससुरालीजन शव लेकर वापस पारस हॉस्पिटल पहुंचे और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। वहीं, सूचना मिलते ही मृतका के मायके पक्ष के लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ससुराल वालों पर समय से इलाज न कराने और रेफर करने में देरी का आरोप लगाया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी बढ़ गई और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान मृतका का भाई भी घायल हो गया।

बढ़ते विवाद की जानकारी पाकर निगोहां पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्काल दोनों पक्षों को अलग कर स्थिति पर काबू पाया। मृतका का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

प्रेमलता की जान बच सकती थी

स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पतालों पर ज्यादातर लोग भरोसा करते हैं, लेकिन आपातकालीन स्थिति में यहां उचित व्यवस्था न होने से मरीजों की जान पर बन आती है। वहीं, परिजनों का आरोप है कि अगर समय पर उपचार और बेहतर सुविधा मिलती तो प्रेमलता की जान बच सकती थी।

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परिवार का रो-रोकर बुरा हाल 

फिलहाल, पुलिस अस्पताल प्रशासन और दोनों पक्षों से पूछताछ कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। घटना के बाद से क्षेत्र में मातम का माहौल है और परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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