इस नए खोजे गए ग्रह का नाम Alpha Centauri Ab रखा गया है। यह ग्रह गोल्डीलॉक्स जोन में मौजूद है। गोल्डीलॉक्स जोन तारे का वह हिस्सा होता है जहां न ज्यादा गर्मी होती है और न ज्यादा ठंड। यानी वहां का वातावरण ऐसा होता है जहां पानी अपने तरल रूप में रह सकता है। और अगर पानी है, तो जीवन की संभावना भी है। यही कारण है कि वैज्ञानिक इस ग्रह को “Earth’s Twin” कहने लगे हैं। Alpha Centauri हमारा सबसे नजदीकी तारा समूह है और अगर वाकई यहां जीवन जैसा माहौल मिलता है तो यह हमारी स्पेस रिसर्च के लिए ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा।
कितना बड़ा है Alpha Centauri Ab?
वैज्ञानिकों ने शुरुआती अध्ययन में बताया है कि यह ग्रह एक गैस जायंट (Gas Giant) हो सकता है। इसका आकार और वजन हमारे शनि ग्रह (Saturn) जितना माना जा रहा है। यह लगातार अपने तारे Alpha Centauri A की परिक्रमा करता रहता है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि इस ग्रह पर पृथ्वी जैसी ठोस सतह है या नहीं, लेकिन इसकी मौजूदगी ही एक बड़ा सबूत है कि ब्रह्मांड में और भी जगहें हो सकती हैं जहां जीवन संभव हो।
क्यों है यह खोज खास?
इस खोज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अब तक का पहला ऐसा ग्रह है जिसकी सीधी तस्वीर ली गई है और जो अपने तारे के इतने करीब है। आमतौर पर दूर स्थित ग्रहों को पहचानना मुश्किल होता है, लेकिन James Webb Telescope की ताकत ने यह मुमकिन बना दिया। NASA के वैज्ञानिक चार्ल्स बेचमैन का कहना है कि यह स्पेस साइंस के लिए बहुत बड़ा कदम है। आने वाले समय में इस ग्रह पर और गहराई से अध्ययन होगा। वैज्ञानिक इसे भविष्य में इंसानी बसावट की संभावना के तौर पर भी देख सकते हैं।
आगे क्या होगा?
अब वैज्ञानिक James Webb Telescope और दूसरी वेधशालाओं की मदद से इस ग्रह की और जानकारी जुटाएंगे। यहां के वातावरण, तापमान और संभावित जीवन की जांच होगी। अगर यह सब सही साबित होता है तो यह खोज हमारी सोच से भी कहीं आगे साबित होगी।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.