Home > विदेश > ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच PM मोदी जाएंगे चीन, दोनों देशों के रिश्ते हो रहे मजबूत… मुंह देखते रह जाएंगे ट्रम्प!

ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच PM मोदी जाएंगे चीन, दोनों देशों के रिश्ते हो रहे मजबूत… मुंह देखते रह जाएंगे ट्रम्प!

Prime Minister Narendra Modi met Chinese Foreign Minister Wang Yi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भी एक अहम बैठक की। आपको बता दें कि वांग और डोभाल दोनों ही सीमा वार्ता में विशेष प्रतिनिधि नियुक्त हैं। यहाँ पढ़िए PM ऑफिस के सन्देश

By: Shivani Singh | Published: August 19, 2025 8:19:39 PM IST



Prime Minister Narendra Modi met Chinese Foreign Minister Wang Yi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भी एक अहम बैठक की। आपको बता दें कि वांग और डोभाल दोनों ही सीमा वार्ता में विशेष प्रतिनिधि नियुक्त हैं।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने और सीमा पर शांति बनाए रखने समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इससे पहले सोमवार को वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी।

आपको बता दें कि पीएम मोदी अगले हफ्ते एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन जाएँगे।

दोनों देशों के बीच बना नया माहौल: अजीत डोभाल

वांग यी से मुलाकात के बाद अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में रूस के कज़ान में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात बेहद सफल रही। इस मुलाकात के बाद दोनों देश एक नया रुख़ स्थापित करने में सफल रहे। इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफ़ी मज़बूत हुए। दोनों देशों के बीच एक नया माहौल बना है।

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प्रधानमंत्री ऑफिस से प्रेस रिलीज जारी 

प्रधानमंत्री ऑफिस से एक प्रेस रिलीज जारी की गयी जिसमें बताया गया है कि “आज, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री श्री वांग यी का स्वागत किया।

श्री वांग यी ने तियानजिन में आयोजित हो रहे एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी का संदेश और निमंत्रण प्रधानमंत्री को सौंपा। उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक और विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं बैठक, जिसकी उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल के साथ सह-अध्यक्षता की, के बारे में अपना सकारात्मक मूल्यांकन भी साझा किया।

प्रधानमंत्री ने सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व पर बल दिया और सीमा प्रश्न के निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष कज़ान में राष्ट्रपति शी के साथ अपनी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर और सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया, जो कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली सहित पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक हित और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है।

प्रधानमंत्री ने एससीओ शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति शी को धन्यवाद दिया और अपनी स्वीकृति व्यक्त की। उन्होंने एससीओ शिखर सम्मेलन की चीन द्वारा अध्यक्षता किए जाने के प्रति समर्थन व्यक्त किया और कहा कि वे तियानजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने के लिए उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और चीन के बीच स्थिर, विश्वसनीय और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।”

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