कोंडागांव से ज्योति कुमार कमलासन की खास रिपोर्ट
CRPF Bastar: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने पिछले 20 वर्षों में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों में शहीद हुए अपने जवानों और अधिकारियों के सम्मान में एक शहीद स्मारक बनाया है।
कोंडागांव में ‘शहीद स्मारक’ का निर्माण जिले में स्थित अर्धसैनिक बल की 188वीं बटालियन द्वारा किया गया है। यह शहीद स्मारक कोंडागांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर सीआरपीएफ की 188वीं बटालियन के शिविर के बाहर स्थित है और इसका उद्घाटन बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर भवेश चौधरी ने 15 अगस्त 79वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किया।
‘शहीद स्मारक’ का निर्माण
बस्तर में पिछले 20 सालों से भी ज़्यादा समय से सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच सबसे हिंसक ऑपरेशन, मुठभेड़ें और घात-प्रतिघात देखने को मिल रहे हैं और यह क्षेत्र माओवादी संघर्ष का केंद्र बना हुआ है।
सीआरपीएफ 188 बटालियन के कमांडेंट भवेश चौधरी ने बताया कि, “केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि वामपंथी उग्रवाद मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएगा, इसलिए सीआरपीएफ के शहीद कर्मियों के लिए एक स्मारक बनाना उचित है, जो इन अभियानों के लिए प्रमुख सुरक्षा बल है।”
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कमांडेंट भवेश चौधरी से बातचीत के अंश
कमांडेंट भवेश चौधरी का कहना है कि यह स्मारक 20 अधिकारियों सहित 460 बहादुर सीआरपीएफ कर्मियों को सम्मानित करता है, जो 2003 से 15 अगस्त 2025 के बीच बस्तर क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए है।
कमांडेंट भवेश चौधरी ने बताया कि यह स्मारक इसलिए भी खास है क्योंकि लगभग 3.25 लाख जवानों वाले इस बल में कई अन्य स्मारक भी हैं, लेकिन यह स्मारक विशेष रूप से बस्तर में शहीद हुए जवानों की स्मृति में है।
बस्तर एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भाग में स्थित है और इसकी सीमाएँ महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों से लगती हैं। इस क्षेत्र में बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा सहित सात जिले शामिल हैं।
कमांडेंट भवेश चौधरी कहना है कि, “यह शहीद स्मारक आने वाली युवा पीढ़ियों को प्रेरणा देगा और छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से लड़ने वाले सीआरपीएफ के कार्यों और बलिदान को उजागर करेगा।”