अक्षय महाराणा की रिपोर्ट, Odisha Rain Alert: बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हुआ मौसम तंत्र अब डिप्रेशन का रूप लेकर ओडिशा तट से टकरा चुका है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी कि यह डिप्रेशन सोमवार देर रात से धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए आज सुबह करीब 5:30 बजे गोपालपुर के पास दक्षिण ओडिशा तट को पार कर गया। इस दौरान प्रणाली का केंद्र लगभग 19.3° उत्तरी अक्षांश और 84.8° पूर्वी देशांतर पर दर्ज किया गया।
टकराने के बाद का असर
बीते 6 घंटों में इसकी गति करीब 7 किलोमीटर प्रति घंटा रही। टकराने के बाद इसका असर ओडिशा के तटीय जिलों पर देखा जा रहा है, जहाँ तेज़ हवाएँ और रुक-रुक कर भारी वर्षा हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह डिप्रेशन आगे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और दक्षिण ओडिशा तथा दक्षिण छत्तीसगढ़ के इलाकों से गुज़रते हुए अगले 6 घंटों में कमजोर होकर स्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। हालांकि इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों तक कई हिस्सों में भारी बारिश और आंधी-तूफान की संभावना बनी रहेगी।
प्रभावित क्षेत्र
- ओडिशा के गंजाम, गजपति, रायगड़ा, कोरापुट और मलकानगिरी जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी है।
- आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों में मध्यम से तेज़ बारिश की संभावना जताई गई है।
- छत्तीसगढ़ के बस्तर और दंतेवाड़ा में अगले 24 घंटों में बारिश का अलर्ट दिया गया है।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
तटीय इलाकों में समुद्र की लहरें ऊँची उठने की संभावना जताई गई है। इस वजह से मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। राहत और बचाव टीमों को निचले इलाकों में तैनात किया गया है ताकि बाढ़ जैसी स्थिति बनने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। बिजली और संचार व्यवस्था पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
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पूर्वी भारत के कई हिस्सों में लगातार बारिश
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही यह डिप्रेशन जल्द ही कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन इसके चलते अगले दो दिनों तक पूर्वी भारत के कई हिस्सों में लगातार बारिश देखने को मिल सकती है। इससे एक ओर किसानों को खरीफ फसलों के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा, वहीं दूसरी ओर निचले क्षेत्रों में जलभराव और नदी-नालों के उफान की संभावना जताई जा रही है।