PM Modi GST Reforms: 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किला की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। जिससे पहले से तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में पंख लगने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल, पूरा मामला ये है कि, पीएम मोदी ने जीएसटी में महत्वपूर्ण सुधारों का प्रस्ताव रखा, जिसमें संरचनात्मक सुधार, कर दरों में कमी और जीएसटी को आसान बनाने सहित तीन स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने कहा कि दिवाली पर हम जीएसटी में एक बड़ा बदलाव ला रहे हैं, जिससे कर कम होंगे। इस बीच, रविवार को वित्त मंत्रालय के सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, व्यवसाय जल्द ही केवल तीन दिनों के भीतर जीएसटी पंजीकरण प्राप्त कर सकेंगे।
तीन दिनों में प्राप्त कर सकेंगे जीएसटी पंजीकरण
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने रविवार को बिजनेस टुडे को बताया कि व्यवसाय जल्द ही तीन दिनों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण प्राप्त कर सकेंगे और इस समय सीमा के भीतर 95 प्रतिशत तक आवेदन स्वीकृत होने की उम्मीद है। सरकार का यह कदम करदाताओं की सुविधा में सुधार और जीएसटी प्रणाली के तहत अनुपालन को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इसके अलावा, सूत्रों के हवाले से ये भी जानकारी सामने आ रही है कि, जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ-साथ, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) और इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर से जुड़े रिफंड को बड़े पैमाने पर स्वचालित किया जाएगा।
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रिफंड प्रक्रिया होगी आसान
इस कदम से रिफंड प्रक्रिया में मैन्युअल हस्तक्षेप काफी हद तक कम हो जाएगा और इसके वितरण में लगने वाला समय भी कम होगा। निर्यातकों के लिए स्वचालित रिफंड की व्यवस्था भी प्रस्तावित है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, ये दोनों बदलाव अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के व्यापक पुनर्गठन का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता और करदाताओं का विश्वास बढ़ाना है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जीएसटी में ये बदलाव व्यवसायों (विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों यानी एमएसएमई) की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करने के लिए हैं, जिन्हें अक्सर रिफंड में देरी के कारण पूंजी की कमी का सामना करना पड़ता है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि रिफंड को स्वचालित करने और लगभग तुरंत पंजीकरण सुनिश्चित करने से उद्यमों को समय बचाने के साथ-साथ नकदी प्रवाह में सुधार और अनुपालन लागत कम करने में मदद मिलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जीएसटी में ये सुधार रोजमर्रा के अनुपालन में आने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए डिजाइन किए गए हैं, चाहे वह पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाला छोटा व्यापारी हो, रिफंड का इंतजार कर रहा निर्माता हो या निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था पर भरोसा करने वाला उपभोक्ता हो।
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जीओएम (GoM) की बैठक में अंतिम रूप
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इन सभी विषयों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए गठित मंत्रिसमूह (GoM) 20-21 अगस्त को बैठक करेगा। जानकारी सामने आ रही है कि, जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए इससे संबंधित सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए निर्णय करेगा। इसके बाद, सभी प्रस्तावों को जीएसटी परिषद के समक्ष रखा जाएगा, जिसकी बैठक सितंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में होने की उम्मीद है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सुधारों को अंतिम रूप दिया जाएगा।