देहरादून से संजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट :लालकिले से 12 वीं बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वाधीनता दिवस पर 103 मिनट का भाषण मजबूत इरादों के साथ सशक्त भारत का संदेश दे गया। यह भाषण न केवल अब तक का सबसे बड़ा बल्कि सख्त और साफ इरादों को दर्शाने वाला संदेश दे रहा था। भाषण की शुरुआत में ही धारा 370 को हटाकर, एक देश एक संविधान की बात कही वहीं ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए सेना को खुली छूट देने की बात गयी जो अपने आप में एक मजबूत संदेश दे रही थी।प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन कई मायनों में अलग और दुनिया के लिए कूटनीतिक बयानों जैसा था । इसके अलावा मोदी का संबोधन देश की तरक्की, युवाओं को प्रोत्साहन, उपब्धियों और दुनिया के महत्वपूर्ण मिशन में भारतीय योगदान पर भी केन्द्रित था। इतना ही नहीं इशारों ही इशारों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां अमेरिका और चीन को अपनी ताकत बताई वहीं पाकिस्तान को उसकी औक़ात भी।
आतंकी हेडक्वार्टर्स को मिट्टी में मिलाने का जिक्र
पहलगाम हमले पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए उनके आतंकी हेडक्वार्टर्स को मिट्टी में मिलाने का जिक्र कर पाकिस्तान की नींद गायब होने की भी बात कही। लंबे समय से चल रहे न्यूक्लियर ब्लैकमेल को नहीं सहने और सेना की शर्तों पर मुंह तोड़ जवाब देने की बात भी कही। पुराने सिंधु जल समझौते को अन्याय पूर्ण बताया । प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य कई योजनाओं, उपलब्धियों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया की अंतिम 11 वर्षो में सोलर एनर्जी का उपयोग 30 गुना बढ़ा है । 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना ताकि देश की आजादी के 100 साल पर हमारी परमाणु ऊर्जा क्षमता 10 गुना से भी अधिक हो। ग्लोबल वार्मिंग से निपटने तय 2030 तक क्लीन एनर्जी में 50 प्रतिशत लक्ष्य 5 साल पहले ही हासिल करना है ताकि हमारी प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और भी ज्यादा बढ़े।मजबूत इरादों के साथ सशक्त भारत का संदेश दे रहा था प्रधानमंत्री के 103 मिनट का ये संबोधन।
नेशनल क्रिटिकल मिशन लॉन्च करने का भी जिक्र हुआ
नेशनल क्रिटिकल मिशन लॉन्च कर 1200 से अधिक स्थानों पर खोज अभियान से हम क्रिटिकल मिनरल में भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं जो बहुत बड़ी उपलब्धि है। युवाओं का आव्हान किया कि समय की मांग नहीं कि हम रिसर्च और डेवलपमेंट में और ताकत लगाएं। हमारे अपने पेटेंट हों। मानव कल्याण हेतु सस्ती, सबसे कारगर नई-नई दवाइयों पर शोध हो जो संकट में बिना साइड इफेक्ट के जन कल्याण में काम आए।
देश की डेमोग्राफी को बदलने को बताया नया संकट
प्रधानमंत्री मोदी ने आव्हान किया कि आईटी का युग है, और डेटा हमारी ताक़त है तो क्या यह समय की मांग नहीं है कि ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर के साइबर सुरक्षा, डिप टेक से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक, सारी चीजें हमारी अपनी हों। अपनी सामर्थ्य शक्ति से विश्व को परिचित कराने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि हमारा यूपीआई सिस्टम दुनिया को आज अजूबा लग रहा है। रियल टाइम ट्रांजैक्शन 50 प्रतिशत अकेला भारत यूपीआई से कर रहा है।प्रधानमंत्री ने ईवी बैटरी, सोलर पैनल, महिला स्वसहायता समूह, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद में पहचान के साथ ही नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स के लिए टास्क फोर्स गठन व समय सीमा में काम पूरा करने की बात कही ताकि वर्तमान नियम, कानून, नीतियां, रीतियां 21वीं सदी के और वैश्विक वातावरण के अनुकूल हो, भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने के संदर्भ में हो। प्रधानमंत्री मोदी ने षड्यंत्र के तहत, सोची समझी साजिश के जरिए देश की डेमोग्राफी को बदलने को नया संकट बताया।