Raja Raghuvanshi: इंदौर के राजा रघुवंशी का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आया है। इस बार यह किसी घटना या पारिवारिक कारण से नहीं बल्कि एक नकली पुलिसकर्मी की हरकत के कारण चर्चा में आया है। घटना में बजरंग लाल नामक व्यक्ति खुद को रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) का इंस्पेक्टर बताकर राजा रघुवंशी के घर पहुंचा।
मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि, नकली पुलिसकर्मी ने दावा किया कि उसकी मुलाकात तीन-चार साल पहले उज्जैन में राजा रघुवंशी से हुई थी। यही नहीं घर में मौजूद राजा रघुवंशी की मां से उसने परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में सवाल भी किए। उसने विपिन और सचिन के बारे में भी पूछा, लेकिन मां ने बताया कि वे घर पर नहीं हैं। इसी बीच, उसने खुद को आरपीएफ इंस्पेक्टर बताया और राजा के परिवार से बातचीत करने लगा।
परिवार की सतर्कता ने बचाया बड़ा नुकसान
वहीँ इस मामले का खुलासा तब हुआ जब राजा के भाई सचिन ने उस फर्जी इंस्पेक्टर की आईडी और प्रमाण मांगे, तो बजरंग लाल घबरा गया और कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद राजा के भाई सचिन ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और इसकी जांच की। तब जाकर जांच में पता चला है कि यह व्यक्ति आरपीएफ का बर्खास्त कांस्टेबल है और उसने अपनी पहचान छुपाकर परिवार को भ्रमित किया है।
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पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
इस मामले को लेकर एडीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने बताया कि बजरंग लाल के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल इस बात का पता नहीं चल पाया है कि वो बर्खास्त कॉन्स्टेबल राजा रघुवंशी के घर पर किस मकसद से गया था। पुलिस इस बात की फिलहाल जांच कर रही है कि वह वहां किस मकसद से आया था।
घटना से यह स्पष्ट है कि फर्जी पहचान बनाकर लोग किसी भी समय किसी भी व्यक्ति को भ्रमित कर सकते हैं। इस मामले में राजा रघुवंशी के परिवार की सतर्कता और सचिन की तुरंत प्रतिक्रिया ने बड़ी समस्या से बचाया। वहीँ परिवार ने कहा कि अगर आईडी की मांग नहीं की जाती या सावधानी नहीं बरती जाती, तो यह घटना गंभीर रूप ले सकती थी।