President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में ‘एट होम’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और अन्य विदेशी दूत शामिल हुए।
इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने स्वतंत्र भारत के सशस्त्र संघर्षों में सर्वोच्च बलिदान दिया।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर राष्ट्रपति ने दी वीरों को श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी थे। ये सभी पांचों भारी बारिश में भीगते हुए स्मारक तक मार्च कर रहे थे। पुष्पांजलि दो महिला वायुसेना अधिकारियों ने भी ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी स्मारक पर उपस्थित थे।
#WATCH | Delhi | PM Modi, Tri-Services chiefs, Union Ministers, foreign envoys attend ‘At-Home’ event hosted by President Droupadi Murmu at Rashtrpati Bhavan pic.twitter.com/HCBSnTKmNf
— ANI (@ANI) August 15, 2025
पीएम मोदी का 12वीं बार लाल किले से संबोधन
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने लगातार 12वें संबोधन में, ‘आत्मनिर्भर भारत’ को ‘विकसित भारत’ की आधारभूत योजना बताया और इस विचार को रक्षा, अंतरिक्ष, स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, खनिज अन्वेषण सहित विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा “जो व्यक्ति दूसरों पर बहुत अधिक निर्भर होता है, उसकी स्वतंत्रता पर भी उतने ही बड़े प्रश्न उठते हैं। यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण होता है जब हमें निर्भर रहने की आदत हो जाती है। हमें पता ही नहीं चलता कि हम कब आत्मनिर्भरता छोड़कर निर्भार हो रहे हैं, इसलिए हमें स्वतंत्र होने के लिए सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है”।
मिशन सुदर्शन चक्र का ऐलान
रक्षा क्षेत्र में, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की शुरुआत की घोषणा की, जिसका उद्देश्य दुश्मनों को बेअसर करना और भारत की आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाना है। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत से प्रेरणा लेते हुए, ‘सुदर्शन चक्र’ भगवान कृष्ण का पौराणिक अस्त्र है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “यह मिशन रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो किसी भी खतरे का त्वरित, सटीक और शक्तिशाली जवाब सुनिश्चित करता है।”
पीएम मोदी ने प्रतिष्ठित लाल किले की प्राचीर से कहा “अगले दस वर्षों में, 2035 तक, मैं इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण करना चाहता हूँ। भगवान श्री कृष्ण से प्रेरणा लेते हुए, हमने सुदर्शन चक्र का मार्ग चुना है”।