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Indian Navy Supremacy: ये इंडियन नेवी है, कहीं भी जा सकती है… दुनिया के सामने विदेशी मंत्री ने कर दी भारत की नौसेना की तारीफ, चीन-US जल कर हो जाएंगे राख

India-Philippines Navy Drill: साउथ चाइना सी के जिस हिस्से में दोनों देशों की नेवी ने ड्रिल किया है, उसे चीन का सी बैकयार्ड बताया जा रहा है, जिससे फिलीपींस के पूर्व विदेश मंत्री तियोदोरो एल लोक्सिन भड़क गए।

By: Shubahm Srivastava | Published: August 13, 2025 9:18:44 PM IST



India-Philippines Navy Drill: भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली नौसेनाओं में से एक है। यह किसी भी दुश्मन को परास्त करने की क्षमता रखती है, चाहे वह चीनी नौसेना ही क्यों न हो। अब इसे लेकर दक्षिण एशिया में काफी हलचल मची हुई है। दरअसल, हाल ही में भारत और फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में एक साथ नौसैनिक अभ्यास किया। अब इस नौसैनिक अभ्यास को लेकर काफी चर्चा हो रही है।

दक्षिण चीन सागर के जिस हिस्से में दोनों देशों की नौसेनाओं ने अभ्यास किया, उसे चीन का पिछवाड़ा कहा जा रहा है, जिससे फिलीपींस के पूर्व विदेश मंत्री तियोदोरो एल. लोक्सिन नाराज हो गए। और उन्होंने दुनिया के सामने भारतीय नौसेना की ऐसी तारीफ़ की कि शायद चीन उसे सुनकर चिढ़ जाए।

ये इंडियन नेवी है, कहीं भी जा सकती है…

दरअसल, एक लेख में बताया गया था कि जिस जगह भारत-फिलीपींस ने नौसैनिक अभ्यास किया, वह चीन का समुद्री पिछवाड़ा है। सवाल पूछा गया था कि क्या भारत चीन के समुद्री पिछवाड़े में घुस रहा है? इस पर डॉ. मिन्ह ट्रान नाम के एक यूजर ने लिखा, “यह चीन का समुद्री पिछवाड़ा नहीं है। यह अभ्यास फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के अंदर हुआ। यह जगह मुख्यभूमि चीन से हज़ारों किलोमीटर दूर है।” इसे रीट्वीट करते हुए तियोदोरो एल. लोक्सिन ने बिना किसी झिझक के भारतीय नौसेना की तारीफ की।

फिलीपींस के पूर्व विदेश मंत्री, तियोदोरो एल लोक्सिन ने कहा कि, इंडियन नेवी ही एकमात्र ऐसी है, जिसमें जहां चाहें वहां जाने का दम है। पश्चिमी नौसेनाएं तो बस बिन साज के ऐसे गाती हैं, जैसे बिन ताकत के गायक…

फिलीपींस और चीन के बीच समुद्री इलाकों को लेकर विवाद

लोक्सिन का बयान दरअसल चीन की उस आदत पर कटाक्ष है जो सुदूर समुद्री इलाकों पर भी अपना अधिकार जताने की कोशिश करती है। बीजिंग पहले से ही दक्षिण चीन सागर में कई छोटे द्वीपों और चट्टानों पर अपना दावा कर रहा है, जबकि अंतरराष्ट्रीय कानून और कई देशों के दावे उसके खिलाफ हैं। फिलीपींस के अनन्य आर्थिक क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसमें किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप उचित नहीं है।

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