Indian whisky Indri: भारतीय की एक सिंगल माल्ट व्हिस्की पूरी दुनिया में छा गई है। बता दें चार साल पहले हरियाणा की पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज ने इंद्री को लॉन्च किया था। इस व्हिस्की ने 2024 भारत में सबसे ज़्यादा बिकने वाली सिंगल माल्ट व्हिस्की बनकर धूम मचा दी थी। इसने ग्लेनलिवेट और ग्लेनफिडिच जैसे प्रतिष्ठित स्कॉच ब्रांडों को पीछे छोड़ दिया। अब न केवल अमरूत (Amrut) और पॉल जॉन, बल्कि इंद्री, रामपुर, गोडावन आदि जैसे नए ब्रांड भी बाज़ार में पूरी ताकत से उतर चुके हैं।
स्कॉच के इस रिकॉर्ड को किया अपने नाम
आईडब्ल्यूएसआर ड्रिंक्स मार्केट एनालिसिस की रिपोर्ट बताती है कि 2024 में पहली बार भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की की बिक्री स्कॉच से ज़्यादा हो गई। इसके पीछे बढ़ती “नेट-प्राइड” और विश्वसनीय गुणवत्ता थी। उपभोक्ता अब स्कॉच की बजाय भारतीय सिंगल माल्ट को ज़्यादा पसंद कर रहे हैं।
बिक्री में 25% से ज़्यादा की वृद्धि
इंद्री ने अपने दूसरे ही वर्ष में 1 लाख केस बेचकर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती सिंगल माल्ट व्हिस्की बनकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इसने 599% की वृद्धि दर से छलांग लगाई है और भारत में इसकी बाज़ार हिस्सेदारी 30% है। IWSR की रिपोर्ट बताती है कि 2024 में, भारतीय सिंगल माल्ट की बिक्री में 25% से ज़्यादा की वृद्धि हुई है, जिसने स्कॉच को बहुत पीछे छोड़ दिया है।
क्यों खास है ये व्हिस्की ?
भारत की गर्म जलवायु में, बैरल में हर साल 10% या उससे ज़्यादा वाष्पीकरण होता है। स्कॉटलैंड में यह केवल 23% है। इसलिए, भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की को 5 से 8 साल में ही खोला जाता है। इससे इसके स्वाद में गहराई आती है और समय की भी बचत होती है। इसके अलावा, यह व्हिस्की की गुणवत्ता, पैकेजिंग और कीमत का एक बेहतरीन संयोजन है।
दुनिया भर में जीते कई पुरस्कार
इंद्री ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीते हैं। इंद्री दिवाली कलेक्टर्स एडिशन ने व्हिस्कीज़ ऑफ़ द वर्ल्ड अवार्ड्स 2024 में स्वर्ण पदक जीता। यह प्रतियोगिता में भारत का लगातार दूसरा वर्ष था। पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2025 में अपने आईएमएफएल (भारतीय निर्मित विदेशी शराब) डिवीजन में 40% की वृद्धि दर्ज की। कंपनी ने उत्पादन क्षमता, वेयरहाउसिंग और वैश्विक विस्तार पर ₹500 करोड़ से अधिक का निवेश किया।