Krasheninnikov Volcano: रूस के सुदूर पूर्वी कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी इतिहास में पहली बार फटा है। कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि यह ज्वालामुखी 600 साल में पहली बार फटा है।
कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया दल (KVERT) ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बताया कि रविवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:50 बजे विस्फोट शुरू हुआ, जिससे राख का गुबार समुद्र तल से 3-4 किलोमीटर ऊपर तक पहुँच गया।
अधिकारियों ने बताया कि राख का गुबार पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की ओर बढ़ गया है। राख के बादल के रास्ते में कोई भी आबाद बस्ती नहीं है और आबादी वाले इलाकों में राख गिरने की कोई खबर नहीं है। नारंगी रंग की विमानन चेतावनी जारी की गई है।
6,000 मीटर तक पहुंचा राख का बादल
टेलीग्राम पर कामचटका के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय की एक पोस्ट के अनुसार, यह गुबार 6,000 मीटर (19,700 फीट) की ऊँचाई तक पहुँच गया है।
मंत्रालय ने कहा, “यह धुआँ ज्वालामुखी से पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की ओर फैल रहा है। इसके मार्ग में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है, और आबादी वाले इलाकों में राख गिरने की कोई सूचना नहीं है।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर और क्रोनोट्सकोये झील से 13 किलोमीटर दक्षिण में स्थित, क्रशेनिनिकोव, कामचटका के पूर्वी ज्वालामुखी क्षेत्र का हिस्सा है।
🌋 ** WOW. Eurasia’s Largest Volcano Erupts After 8.7 Earthquake in Russia **
💥 FIRST recorded eruption since 1550 (460+ years)
Krasheninnikov’s ash cloud now 5–6KM high pic.twitter.com/wlRhuQiIMX
— Lenka White (@white_lenka) August 2, 2025
इससे पहले, आपातकालीन मंत्रालय की क्षेत्रीय शाखा ने कई अन्य सक्रिय कामचटका ज्वालामुखियों से 6-10 किलोमीटर दूर संभावित राख उत्सर्जन की चेतावनी दी थी। निवासियों और पर्यटकों को इन ज्वालामुखियों के शिखर से 10 किलोमीटर के दायरे में यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है।
पहले आया भूकंप, फिर जाग उठा ज्वालामुखी
यह विस्फोट कामचटका प्रायद्वीप में 8.7 तीव्रता के भूकंप के कुछ ही दिनों बाद हुआ। भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी जारी की गई और कामचटका और सेवेरो-कुरिल्स्क जिले के कुछ हिस्सों में आपातकाल की स्थिति पैदा हो गई।
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