Sawan Putrada Ekadashi: सावन महीने में भगवान शिव की पूजा का काफी महत्व माना जाता है। सावन में पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान के सुख का प्राप्ती होती है। यह सावन माह के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत उन लोगों के लिय ज्यादा महत्व रखता है, जो संतान की प्राप्ति का सुख पाना चाहते हैं। इस बार लोगों के मन में सवाल है कि 4 या 5 अगस्त किस दिन आखिर एकादशी मनाई जाए।
क्या है शुभ समय?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, एकादशी 4 अगस्त को 11:41 बजे शुरू हो जाएगी और 5 अगस्त 1:12 बजे समाप्त होगी। इसके मुताबिक आप 5 अगस्त को व्रत रख सकते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।
क्या है पुत्रदा एकादशी का महत्व?
पुत्रदा एकादशी को लेकर मान्यता है कि यह व्रत नि:संतान जोड़ों को संतान प्राप्ति के लिए रखना चाहिए। नियमपूर्वक व्रत करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी खुश हो जाती हैं और संतान प्राप्ति का आशिर्वाद देते हैं।
इस दिन क्या करें?
- सबसे पहले सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
- पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति रखें
- दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से भगवान को स्नान कराएं
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें
- दिनभर निराहार या फलाहार व्रत रखें
- जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र का दान करें
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।