Bihar Chunav 2025: चुनाव आयोग ने बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के उस दावे को झूठा करार दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। आयोग ने तेजस्वी को जवाब देते हुए उनका नाम मतदाता सूची में दिखाया है। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि एसआईआर के बाद जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में तेजस्वी का नाम क्रमांक 416 पर है। इसलिए, यह दावा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं है, यह पूरी तरह से झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत है, और यह दावा शरारतपूर्ण है।
पटना जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, तेजस्वी का नाम वर्तमान में मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन, क्रमांक 416 पर दर्ज है। इससे पहले उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन, मतदान केंद्र संख्या 171, क्रमांक 481 पर दर्ज था।
1. कुछ समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है।
2. इस बारे में जिला प्रशासन, पटना द्वारा जाँच की गई। इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता… pic.twitter.com/HmXu419Oek
— District Administration Patna (@dm_patna) August 2, 2025
तेजस्वी ने दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है
आपको बता दें कि शनिवार को तेजस्वी ने खुद पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। तेजस्वी ने कहा कि जब मेरा नाम कट सकता है, तो बिहार के लाखों गरीबों का नाम कटना तय है।
बता दें, तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इलेक्शन कमीशन चाटुकार आयोग बन गया है। वक्त आने पर सबकी जवाबदेही तय होगी। आयोग को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसके पास दो गुजरातियों का समर्थन है। सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध है कि वह इस मामले का स्वतः संज्ञान ले और उन लोगों की सूची जारी करे जिनके नाम किस विधानसभा के किस बूथ से काटे गए हैं।
भाजपा ने यशस्वी यादव को घेरा
दूसरी ओर, भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी तेजस्वी के मतदाता सूची से नाम कटने के दावे को पूरी तरह झूठा बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि तेजस्वी यादव का यह दावा कि SIR के बाद उनका नाम मतदाता सूची से गायब है, पूरी तरह झूठा है। उनका नाम 416 नंबर पर दर्ज है। कृपया तथ्यों की जाँच करें, फिर जानकारी साझा करें। मतदाताओं को गुमराह करने की जानबूझकर की जा रही कोशिशों का पर्दाफाश करना ज़रूरी है।