Indian Oil Import: ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ के बीच, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि भारत की सरकारी रिफाइनरियों ने पिछले एक हफ़्ते से रूस से कच्चा तेल ख़रीदना बंद कर दिया है। इसकी वजह रूस द्वारा दी जा रही छूट में कमी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दी गई चेतावनी बताई जा रही है।
दरअसल, 14 जुलाई को ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच कोई बड़ा शांति समझौता नहीं होता है, तो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 100% टैरिफ लगाया जा सकता है।
इन कंपनियों ने बंद किया तेल खरीदना!
खबरों के मुताबिक, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) और मैंगलोर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल लिमिटेड (MRPL) जैसी देश की बड़ी रिफाइनरियों ने पिछले एक हफ्ते से रूस से तेल खरीदने का कोई नया सौदा नहीं किया है। हालाँकि, इसके पीछे की वजह अभी तक सामने नहीं आई है।
वहीं, रॉयटर्स ने दावा किया कि जब इन चारों सरकारी रिफाइनरियों और केंद्रीय तेल मंत्रालय से इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
रूस नहीं तो कहां से आ रहा तेल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस की बजाय इन सरकारी कंपनियों ने नए विकल्प के तौर पर मध्य पूर्व और पश्चिम अफ्रीका के तेल ग्रेड को चुना है, जिसमें अबू धाबी का मर्बन क्रूड और पश्चिम अफ्रीका का कच्चा तेल प्रमुख हैं।
निजी कंपनियां अभी भी खरीद रहीं रूस से तेल
सरकारी कंपनियों के अलावा, देश की निजी कंपनियाँ जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी अभी भी सबसे ज़्यादा रूसी तेल खरीद रही हैं। आपको बता दें कि भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता 52 लाख बैरल प्रतिदिन का 60% से ज़्यादा हिस्सा सरकारी रिफाइनरियों के पास है।
जानकारी के लिए बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। इसके अलावा, समुद्री रास्ते से आने वाले रूसी तेल का भी यह सबसे बड़ा खरीदार है। यही वजह है कि ट्रंप नाराज़ हैं और उन्होंने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ़ लगा दिया है।