Tsunami Alert: रूस के पूर्वी प्रायद्वीप कामचटका में अब तक का सबसे बड़ा भूकंप आया है। अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 8.8 थी, जिसके बाद पूरे प्रशांत क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। इसकी गहराई 19.3 किलोमीटर थी। झटकों की तीव्रता इतनी थी कि लोग बिना जूते या जैकेट पहने अपने घरों से बाहर भागते नजर आए। एक किंडरगार्टन स्कूल में नुकसान की पुष्टि हुई। भूकंप के बाद रूस, जापान, अमेरिका (हवाई और अलास्का), कनाडा (ब्रिटिश कोलंबिया), न्यूजीलैंड, चीन, इंडोनेशिया, ताइवान, फिलीपींस, पेरू, मैक्सिको और इक्वाडोर जैसे देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई।
उठी 30 सेंटीमीटर ऊंची लहरें
जापान के होक्काइडो द्वीप के नेमुरो तट पर लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची लहरें उठीं। वहीं, पहली लहर के रूस के कुरील द्वीप समूह तक पहुंचने की खबर है। जापान ने 20 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इसके अलावा उसके फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर को खाली करा लिया गया है। कामचटका रूस के सुदूर पूर्व में स्थित एक जंगली, पहाड़ी और ज्वालामुखियों से भरा प्रायद्वीप है। यह लगभग 1200 किलोमीटर लंबा और 480 किलोमीटर चौड़ा है। यहाँ की जलवायु उप-आर्कटिक है, यानी सर्दियाँ लंबी और बर्फीली होती हैं जबकि गर्मियाँ बहुत छोटी और ठंडी होती हैं। यहाँ दो विशाल पर्वत श्रृंखलाएँ और कई नदियाँ बहती हैं, जिनमें कामचटका नदी सबसे प्रमुख है। इस क्षेत्र में टुंड्रा से लेकर घने जंगल तक, हर तरह की वनस्पति पाई जाती है।
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अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र
कामचटका प्रायद्वीप भूवैज्ञानिक दृष्टि से एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है। यह क्षेत्र प्रशांत प्लेट और उत्तरी अमेरिकी प्लेट के सबडक्शन जोन पर स्थित है, जहां एक प्लेट दूसरी के नीचे खिसकती है। इस कारण यहाँ लगातार भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती रहती हैं। कामचटका ‘रिंग ऑफ़ फायर’ का एक हिस्सा है। यह वह क्षेत्र है जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है और जहाँ दुनिया के 75% से ज़्यादा ज्वालामुखी और 90% भूकंप आते हैं।
1952 में आया था 9.0 तीव्रता का भूकंप
कामचटका पहले भी बड़े भूकंपों का सामना कर चुका है। 4 नवंबर, 1952 को यहाँ 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे हवाई में लगभग 30 फीट ऊँची सुनामी लहरें उठी थीं। हालाँकि, उस समय जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। जुलाई 2025 में ही इस क्षेत्र में पाँच बड़े भूकंप दर्ज किए गए, जिनमें से एक 7.4 तीव्रता का था। सरकारी एजेंसियां स्थिति पर नजर रख रही हैं और लोगों को तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। अभी तक किसी बड़ी सुनामी या जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।