Arthritis: आज के दौर में महिलाओं की जीवनशैली और जिम्मेदारियाँ तेजी से बदल रही हैं, लेकिन इसके साथ ही उनकी स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं। खासकर 40 से 70 साल की उम्र की महिलाओं में घुटनों के गठिया (ऑस्टियोआर्थराइटिस) की शिकायत तेजी से बढ़ रही है। यह एक सामान्य लेकिन तकलीफदेह समस्या बनती जा रही है, जिस पर समय रहते ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कि महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या तेजी से क्योंं बढ़ रही है और इससे बचने के क्या उपाय हैं।
गठिया क्यों हो रहा है आम?
दिल्ली के संत परमानन्द अस्पताल के सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. शेखर श्रीवास्तव के अनुसार, गठिया उम्र के साथ होने वाला एक सामान्य शारीरिक बदलाव है। जैसे उम्र बढ़ने पर बाल सफेद होते हैं, वैसे ही घुटनों के जोड़ (knees joints) की हड्डियों और कार्टिलेज में डिजेनरेशन यानी क्षय (wear and tear) शुरू हो जाती है। लेकिन ये हर किसी में समान नहीं होता कुछ में यह धीमी गति से तो कुछ में तेज गति से होता है।
महिलाओं में गठिया के जेनेटिक कारण
डॉ. शेखर बताते हैं कि महिलाओं में गठिया का एक बड़ा कारण जेनेटिक फैक्टर (आनुवांशिकता) भी हो सकता है। यदि परिवार में मां, दादी या किसी अन्य सदस्य को गठिया की शिकायत रही हो, तो अगली पीढ़ी की महिलाओं में इसकी संभावना बढ़ जाती है।
मोटापे से हो रही महिलाओं में गठिया की समस्या
डॉ. शेखर श्रीवास्तव बताते हैं कि महिलाओं में गठिया बढ़ने की एक प्रमुख वजह बढ़ता हुआ वजन है। मोटापा न सिर्फ शरीर की बाहरी बनावट को प्रभावित करता है, बल्कि अंदर से जोड़ खासकर घुटनों पर सीधा असर डालता है।
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नियमित व्यायाम की कमी
डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार महिलाओं में गठिया बढ़ने के पीछे एक अहम वजह नियमित व्यायाम की कमी भी है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाएं घरेलू कामों में तो व्यस्त रहती हैं, लेकिन शरीर के सही ढंग से संचालन के लिए जरूरी व्यायाम या फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर पातीं।
कैल्शियम और विटामिन डी की कमी
कैल्शियम और विटामिन D की कमी हड्डियों को कमजोर बनाती है, जिससे घुटनों में गठिया की संभावना बढ़ जाती है। इन पोषक तत्वों की निरंतर कमी जोड़ों के घिसाव और सूजन का प्रमुख कारण बनती है।