PM Modi attack on Congress: प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पीओके, सिंधु जल संधि और बांधों से गाद निकालने के मुद्दे पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का भी ज़िक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब भी मैं नेहरू जी की चर्चा करता हूँ, कांग्रेस और उसका पूरा पारिस्थितिकी तंत्र भड़क उठता है। मैं एक दोहा दोहराता था – लम्हों ने खता की और सदियों ने सज़ा पाई।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद लिए गए फ़ैसलों की सज़ा देश आज भी भुगत रहा है। पाकिस्तान दशकों तक युद्ध और छद्म युद्ध लड़ता रहा, लेकिन कांग्रेस सरकारों ने न तो सिंधु जल संधि की समीक्षा की और न ही नेहरू जी की उस बड़ी गलती को कभी सुधारा। अब भारत ने उस पुरानी गलती को सुधार लिया है। भारत ने अब एक ठोस फ़ैसला लिया है।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेहरू जी द्वारा की गई उस ऐतिहासिक भूल (सिंधु जल संधि) को अब राष्ट्र और किसानों के हित में दरकिनार कर दिया गया है। देश को नुकसान पहुँचाने वाला यह समझौता अब इस रूप में जारी नहीं रह सकता। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते। जब भी कोई बाँध बनता है, तो उसकी गाद निकालने की एक व्यवस्था होती है, लेकिन नेहरू जी ने पाकिस्तान के कहने पर यह शर्त मान ली कि भारत इन बाँधों से गाद नहीं निकाल सकता।
बाँध हमारा है, लेकिन फ़ैसला पाकिस्तान का है!
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पानी हमारा है, बाँध हमारा है, लेकिन फ़ैसला पाकिस्तान का है! एक बाँध ऐसा है जिसका गाद निकालने का गेट बना दिया गया है। पाकिस्तान ने नेहरू जी से लिखवाया था कि भारत पाकिस्तान की सहमति के बिना अपने बाँध से गाद नहीं निकालेगा। यह समझौता देश के हितों के ख़िलाफ़ था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1965 के युद्ध में हमारी सेना ने हाजीपीर दर्रा वापस जीत लिया था, लेकिन कांग्रेस ने उसे फिर से वापस कर दिया।
अगर उस समय थोड़ी समझदारी होती
उन्होंने कहा कि 1971 में 93 हज़ार पाकिस्तानी सैनिक हमारे यहाँ बंदी थे और पाकिस्तान का हज़ारों वर्ग किलोमीटर इलाका हमारी सेना के कब्ज़े में था। अगर उस समय थोड़ी समझदारी होती, तो पीओके वापस लेने का फ़ैसला लिया जा सकता था। इतना सब होने के बावजूद, वे कम से कम करतारपुर साहिब को वापस ले सकते थे, लेकिन वे वह भी नहीं कर पाए।
कांग्रेस अपनी गलती सुधारे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कच्चातिवु द्वीप 1974 में श्रीलंका को उपहार में दिया गया था। आज तक हमारे मछुआरे भाई-बहन वहाँ समस्याओं का सामना करते हैं, कई बार उनकी जान को खतरा रहता है। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस के साथियों से अनुरोध करता हूँ कि वे एक परिवार के दबाव में आकर पाकिस्तान को क्लीन चिट देना बंद करें। कांग्रेस देश की जीत के क्षण को उपहास का क्षण न बनाए। कांग्रेस अपनी गलती सुधारे।