Hashim Musa Killed: कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। श्रीनगर के महादेव पर्वत पर सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। एक और आतंकवादी के छिपे होने की आशंका है। तलाशी अभियान जारी है। मारे गए आतंकवादियों में हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान भी शामिल है। मूसा पहलगाम आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड था। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुआ था। मूसा पाकिस्तानी सेना के विशेष बल का जवान रहा है। मारे गए आतंकवादियों के पास से उच्च तकनीक वाले हथियार भी मिले हैं। आइए जानते हैं कि कैसे पहलगाम आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड मूसा अपने आतंकवादी साथियों के साथ बैसरन घाटी से लगभग 103 किलोमीटर दूर मारा गया।
टीवी 9 ने अपनी रिपोर्ट में सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से बताया कि पहलगाम हमले के बाद से ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियां लगातार भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के ज़रिए आतंकवादी गतिविधियों पर नज़र रख रही थीं। इसी दौरान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चीनी अल्ट्रा रेडियो संचार के सक्रिय होने के पुख्ता सुराग मिले। लश्कर-ए-तैयबा एन्क्रिप्टेड संदेशों के लिए इसी चीनी अल्ट्रा रेडियो का इस्तेमाल करता है जिसे 2016 में WY SMS भी कहा जाता था।
‘ऑपरेशन महादेव अभी भी जारी’
चीनी अल्ट्रा रेडियो संचार के सक्रिय होने के सुराग मिलते ही सुरक्षा एजेंसियाँ हरकत में आईं और ऑपरेशन महादेव शुरू किया गया। सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन में 3 आतंकवादियों को मार गिराने में सफलता पाई। जम्मू-कश्मीर पुलिस के कश्मीर ज़ोन के आईजीपी विधि कुमार बिरदी ने कहा, “ऑपरेशन महादेव अभी भी जारी है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, तीन शव देखे गए हैं। उनकी पहचान करने में हमें कुछ समय लगेगा।”
इससे पहले, सेना ने बताया था कि लिडवास इलाके में गोलीबारी शुरू हो गई और मुठभेड़ में आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने जंगल क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही सुरक्षा बल संदिग्ध जगह के पास पहुँचे, आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी।
मूसा किन आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है?
सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला और आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में मारे गए हाशिम मूसा की बात करें तो वह पाकिस्तानी सेना में स्पेशल फोर्सेज का पैरा कमांडो रह चुका है। पहलगाम हमले के अलावा, मूसा अक्टूबर 2024 में गंदेरबल के गगनगीर में हुए आतंकी हमले में भी शामिल था। इस हमले में 6 गैर-स्थानीय नागरिक और एक डॉक्टर मारे गए थे।
इतना ही नहीं, मूसा बारामूला के बूटा पथरी आतंकी हमले में भी शामिल था। इस हमले में भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए थे। साथ ही दो पोर्टर भी मारे गए थे। हाशिम मूसा के साथ जुनैद भट और अरबाज मीर भी इस आतंकी हमले में शामिल थे। जुनैद भट और अरबाज मीर 2024 में अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए थे।