Sundarkand Chaupai : हिंदू धर्म में सुंदरकांड का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। मान्यता के अनुसार, इस पाठ को करने से आप हनुमान जी की विशेष कृपा होती है। भगवान हनुमान अपने भक्तों के सभी दुख और परेशानियां दूर कर देते हैं। तुलसीदास द्वारा रचित सुंदरकांड सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। सुंदरकांठ पाठ में भगवान हनुमान के बारे में विस्तार से बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति घर में सुंदरकांड का पाठ करता है, उस पर हनुमान जी की विशेष कृपा रहती है। इस सुंदरकांड की एक चौपाई का जिक्र आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में की है।
किस चोपाई का रक्षामंत्री ने किया जिक्र
ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सुंदरकांड की एक चौपाई कही-“जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे”। सुंदरकांड में इस चोपाई का विशेष महत्व है। सुंदर कांड में पूरी चौपाई है- ‘जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे। तेहि पर बांधेउं तनय तुम्हारे. मोहि न छु बांधे कइ लाजा। कीन्ह चहउं निज प्रभु कर काजा||
जाने क्या है चोपाई का मतलब?
बता दें कि यह चोपाई हनुमान जी की है, जब वह लंका से अशोक वाटिका में राक्षसों से युद्ध करने के बाद, जब रावण के पुत्र मेघनाद उन्हें पकड़ लेते हैं तब कहते हैं। “जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे…तेहि पर बांधेउं तनय तुम्हार” का अर्थ है जिन्होंने मुझे मारा, मैंने भी उन्हें मारा। उसके बाद तुम्हारे पुत्र (मेघनाद) ने मुझे बांध लिया। ‘मोहि न कछु बांधे कइ लाजा…कीन्ह चहउं निज प्रभु कर काजा’ इसका अर्थ है कि- मुझे बांधने से कुछ हासिल नहीं होगा।उनका मुख्य उद्देश्य अपने प्रभु राम का कार्य करना है।
यह चौपाई हनुमान जी के पराक्रम और निर्भयता को दर्शाती है। यह बताती है कि किस तरह से रावण के सामने हनुमान ने अपनी शक्ति, भक्ति और उद्देश्य का प्रदर्शन किया था।