Mehbooba Mufti On Kashmir Issue: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने पहलगाम हमले के बावजूद एक बार फिर पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ बातचीत के संकेत दिए हैं। महबूबा मुफ़्ती का कहना है कि अगर मोदी चाहें तो कश्मीर समस्या का समाधान कर सकते हैं।
उन्होंने लाहौर जाकर कोशिश की और अगर वो चाहें तो कर सकते हैं। महबूबा मुफ़्ती ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के 26वें स्थापना दिवस पर श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने आगे कहा कि, मैं दिल्ली सरकार से कहना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं, लेकिन सम्मान के साथ। सेना लाकर और लोगों को जेल में डालकर शांति नहीं आएगी।
बड़े भाई का रोल निभाए भारत – महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, हिंदुस्तान को बड़े भाई का रोल अदा करते हुए सब से बात करनी चाहिए. हम जंग के मुहाने से वापस आए और मुझे पता नहीं हासिल क्या हुआ?
हम बात करते हैं तो हमें फॉरेन पॉलिसी का हवाला देकर चुप कराया जाता है। जम्मू कश्मीर के बिना क्या विदेश नीति है? मैं कहती हूं।
हम चीन से मुकाबला नहीं कर सकते – महबूबा मुफ्ती
इस दौरान महबूबा मुफ़्ती ने ‘अमन की बात, इज्जत के साथ’ का नारा बुलंद किया। उन्होंने कहा, “युद्ध के बाद हथियारों की होड़ शुरू हो गई है। भारत और पाकिस्तान में ज़्यादा से ज़्यादा हथियार खरीदे जा रहे हैं। पाकिस्तान कर्ज़ में डूबा है और हम चीन का मुक़ाबला नहीं कर सकते। ये मैं नहीं कह रही, भारत के विदेश मंत्री कह रहे हैं।”
महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “मैं विदेश मंत्री से कहना चाहती हूँ कि हम भारत की विदेश नीति में दखल देते रहेंगे क्योंकि आपकी हर जंग कश्मीर में लड़ी जाती है। चाहे वो पहलगाम हमला हो या ऑपरेशन सिंदूर।”
मुल्क में मुसलमानों पर जुल्म हो रहा – महबूबा मुफ्ती
पीडीपी प्रमुख ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है। उन्हें बांग्लादेशी होने के आरोप में समुद्र में फेंका जा रहा है। अगर आपको हमारी ज़मीन चाहिए, तो हमें बताएँ, हम कहीं और चले जाएँगे।
आगे कहा कि अगर भारत को विश्वगुरु बनना है, तो उसे युद्ध की बातें छोड़कर शांति की बात करनी होगी। पीडीपी देश में शांति का साथ देना चाहती है। मुझे बहुत खुशी है कि भारत एशिया कप में पाकिस्तान के साथ खेल रहा है।