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BJP President Election: अधर में अटका बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव, सामने आई नई वजह, RSS ने भी लगाया नया अड़ंगा!

BJP New President: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अधर में अटक गया है। भाजपा संविधान के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव है जब कम से कम आधे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव हो जाए। लेकिन, उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव अभी भी लंबित है।

By: Sohail Rahman | Last Updated: July 29, 2025 12:38:45 PM IST



BJP President Election: भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी में जुटी थी और कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव प्रक्रिया अगले महीने तक पूरी हो सकती है। लेकिन, संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन यानी 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और इस अप्रत्याशित इस्तीफे ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया अधर में लटका दी है। इसके साथ ही, कई राज्यों में नई नियुक्तियों का इंतजार भी बढ़ गया है। धनखड़ के इस्तीफे के साथ ही अब सारा ध्यान नए उपाध्यक्ष के चुनाव पर केंद्रित हो गया है, जिसके कारण संगठनात्मक चुनाव एक बार फिर टल गए हैं।

क्या है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का प्रोसेस?

भाजपा संविधान के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव है जब कम से कम आधे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव हो जाए। लेकिन, उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव अभी भी लंबित है। पार्टी कार्यकर्ता लंबे समय से नेतृत्व की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का सीधा असर कई बड़े राज्यों पर पड़ रहा है। संगठनात्मक चुनाव कब पूरे होंगे, इसका कोई स्पष्ट संकेत नहीं है और मौजूदा मानसून सत्र में इसके होने की संभावना भी कम ही है। इसके बाद, पार्टी बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज कर देगी, जिससे संगठन की चुनाव प्रक्रिया और लंबी खिंच सकती है।

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इन नामों पर हो रही चर्चा

हालांकि, कुछ नामों पर अभी भी अंदरूनी चर्चा चल रही है, जिनमें धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और भूपेंद्र यादव जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। इन नेताओं को उनके संगठनात्मक अनुभव, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक संतुलन बनाए रखने की क्षमता के आधार पर देखा जा रहा है। हालांकि, पार्टी और आरएसएस के बीच अभी तक किसी भी नाम पर सहमति नहीं बन पाई है।

क्या चाहता है RSS?

मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि आरएसएस ने अभी तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव इस पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार बनकर उभरे थे। पार्टी नेतृत्व ने इस महीने की शुरुआत में आरएसएस नेतृत्व को उनके नाम भेजे थे, लेकिन आरएसएस ने अभी तक किसी भी उम्मीदवार को मंजूरी नहीं दी है। आरएसएस और भाजपा के बीच और बैठकें व चर्चाएँ होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि संघ भाजपा अध्यक्ष के रूप में एक मज़बूत संगठनात्मक नेता पर ज़ोर दे रहा है।

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