Pakistan Minister on TRF: पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है। आतंकवाद पर सफेद पोशक पहनकर सामने आने वाले पाकिस्तान ने अपनी धरती को आतंकवाद का स्वर्ग बताया है। इस बार आतंकी संगठन टीआरएफ का जन्म अमेरिका की धरती पर पाकिस्तान में हुआ है। यह लश्कर का साया है। दरअसल, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री इशाक डार अमेरिका के दौरे पर हैं और अमेरिका ने उनके सामने ही बताया कि टीआरएफ पाकिस्तान की धरती पर फल-फूल रहा है। जी हां… वही टीआरएफ, जिसने इसी साल पहलगाम में बेगुनाहों के खिलाफ हुए नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी।
अमेरिका ने जब इस आतंकी संगठन पर प्रतिबंध लगाया तो रक्षा मंत्री ने रक्षात्मक मुद्रा और अपने देश के दोहरे चरित्र का बचाव करते हुए वाशिंगटन-डीसी में कहा- ‘टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाना स्पष्ट रूप से अमेरिका का संप्रभु फैसला है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। और अगर उनके पास कोई सबूत है कि वे इसमें शामिल हैं, तो हम इसका स्वागत करते हैं।’ हालांकि, डार के इस कबूलनामे में पाकिस्तान का एक काला सच छिपा है। टीआरएफ, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक साया आतंकी संगठन है, पाकिस्तानी धरती पर फल-फूल रहा है।
पाकिस्तान का दोहरा चरित्र
पाकिस्तान सालों से ये झूठ फैलाता आ रहा है कि वो आतंकवाद के ख़िलाफ़ है। लश्कर का पाकिस्तान की धरती से सफ़ाया हो चुका है। उसके आतंकवादी या तो जेल में बंद हैं या मारे जा चुके हैं। लेकिन पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पोल खोल रहा है। जब लश्कर का पाकिस्तान से सफ़ाया हो चुका है, उसके लड़ाके मारे जा चुके हैं, तो फिर टीआरएफ पाकिस्तान की धरती पर कैसे फल-फूल रहा है? डार का ये दोहरा चेहरा जगज़ाहिर है। पहलगाम हमले के बाद, उसने संयुक्त राष्ट्र में टीआरएफ पर चर्चा रुकवा दी थी। इससे साफ़ है कि कुछ तो गड़बड़ है या फिर पूरा मामला ही गड़बड़ है?
साक्ष्य की आवश्यकता…
बता दें कि अमेरिका द्वारा टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद, डार ने दोहराया था कि पाकिस्तान को टीआरएफ की गतिविधियों के बारे में और सबूतों की आवश्यकता होगी। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में, डार अपने रुख का बचाव करते नज़र आए। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि उस समय टीआरएफ के खिलाफ ऐसा कोई सबूत उपलब्ध नहीं था जो उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में शामिल करने को उचित ठहरा सके।
टीआरफ 2003 से ही भारत में आतंकी संगठन घोषित
भारत ने जनवरी 2023 में कट्टरपंथ (रोकथाम) अधिनियम के तहत टीआरफ को एक आपराधिक संगठन घोषित किया। साउथ एशिया ट्रैवल पोर्टल ने इसके बारे में कई बार विस्तार से लिखा है। टीआरफ के 2019 के सोशल मीडिया पोस्ट जम्मू-कश्मीर में हुई कई घटनाओं की ज़िम्मेदारी लेने के दावों से भरे पड़े हैं। इनमें एक ग्रेनेड हमला भी शामिल है जिसमें सात नागरिक घायल हुए थे और 2021 में टीआरफ पर एक हमला भी शामिल है।
2023 में भी उठाया जा चुका है मुद्दा
भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि टीआरएफ को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी इकाई के रूप में नामित किया जाए, और मई और नवंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम को साक्ष्य और अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं, और यह मुद्दा 2023 के दौरान पहले भी उठाया गया है।