Amarnath Cave story: अमरनाथ यात्रा का नाम सुनते ही मन में बर्फ के शिवलिंग की छवि आ जाती है। लेकिन इस गुफा से जुड़ा एक और चमत्कारी रहस्य यहां दिखाई देने वाले कबूतरों का जोड़ा है। जी हां, ऐसी मान्यता है कि यह जोड़ा कोई आम कबूतर नहीं है, बल्कि अमर है। हर साल हजारों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के साथ-साथ इन कबूतरों के भी दर्शन करते हैं और इसे शुभ संकेत मानते हैं।
भगवान शिव ने सुनाई थी अमरता की कथा
पौराणिक मान्यता के मुताबिक माता पार्वती ने एक दिन भगवान शिव से पूछा कि वे हमेशा अमर क्यों हैं? इस सवाल का जवाब देने के लिए भगवान शिव उन्हें हिमालय के एक गुप्त स्थान यानी अमरनाथ गुफा पर लेकर आए। यहां उन्होंने पार्वती जी को अमरत्व (immortality) की कथा सुनानी शुरू की। लेकिन कथा के दौरान पार्वती जी को नींद आ गई।
कहानी में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि जब माता पार्वती सो गई थीं तब पास ही बैठे कबूतरों का एक जोड़ा पूरी कथा ध्यान से सुनता रहा। भगवान शिव को लगा कि पार्वती जी सुन रही हैं, लेकिन असल में वो कबूतर कथा सुन रहे थे। जब शिव जी को ये बात पता चली तो उन्होंने उन्हें शापित करने की बजाय अमरता का वरदान दे दिया।
आज भी दिखते हैं अमर कबूतर
आज भी अमरनाथ गुफा में कई बार श्रद्धालु कबूतरों के जोड़े को देखते हैं। सोचने वाली बात ये है कि इतनी ऊंचाई पर, जहां ऑक्सीजन भी कम है और खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं होता, वहां ये कबूतर सालों से कैसे जिंदा हैं? वैज्ञानिक भले ही इसे संयोग मानें लेकिन श्रद्धालुओं के लिए ये बाबा बर्फानी की कृपा का ही परिणाम है।
कबूतरों के दर्शन का धार्मिक महत्व
अमरनाथ यात्रा के दौरान अगर किसी को इन कबूतरों के दर्शन हो जाएं तो इसे बहुत शुभ माना जाता है। लोग मानते हैं कि ये दर्शन शिव और शक्ति दोनों के आशीर्वाद का प्रतीक हैं। कई भक्तों का तो कहना है कि उन्होंने गुफा में कबूतरों को शिवलिंग के चारों ओर उड़ते हुए देखा है, जो खुद एक चमत्कार से कम नहीं।
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