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Kargil Vijay Diwas 2025: कारगिल युद्ध में किस राज्य के जवानों ने दिया था सबसे ज्यादा बलिदान, ‘ऑपरेशन विजय’ में खर्च हुए थे इतने हजार करोड़

Kargil Vijay Diwas 2025 : भारत ने ऑपरेशन विजय में लगभग 5,000 से 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए। अकेले वायुसेना के ऑपरेशन 'सफेद सागर' पर ही 2000 करोड़ रुपये खर्च हुए। पाकिस्तान के नुकसान की बात करें तो उसके लगभग 3000 सैनिक मारे गए, हालाँकि पाकिस्तान ने केवल 357 सैनिकों के मारे जाने की ही सूचना दी।

By: Shubahm Srivastava | Published: July 26, 2025 7:46:00 AM IST



Kargil Vijay Diwas : 26 साल पहले लड़ा गया कारगिल युद्ध भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को दर्शाता है। इस दिन का उद्देश्य नागरिकों, विशेषकर युवाओं में देशभक्ति, गर्व और कृतज्ञता की गहरी भावना जगाने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और बलिदान की भावना को मज़बूत करना है। हर साल 26 जुलाई को भारत में ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया जाता है और उन वीर भारतीय सैनिकों को याद किया जाता है जिन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

वर्ष 1999 में पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने मिलकर कारगिल की ऊँची पहाड़ियों पर कब्ज़ा कर लिया था। भारतीय सेना ने उन्हें हराने के लिए ऑपरेशन विजय शुरू किया। यह युद्ध पूरे 60 दिनों तक चला, जिसके बाद भारत की जीत हुई और कारगिल की चोटियों पर एक बार फिर तिरंगा फहराया गया। इस युद्ध में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। आइए जानते हैं कि इस युद्ध में किस राज्य के सैनिक सबसे ज़्यादा शहीद हुए थे।

इस राज्य से सबसे ज्यादा जवान हुए शहीद

अगर राज्य की बात करें तो सबसे ज़्यादा 75 जवान उत्तराखंड से थे। यह संख्या किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे ज़्यादा है। इस छोटे से राज्य ने हर ज़िले से अपने वीर सपूतों को खोया है, और उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। ख़ास बात यह है कि उत्तराखंड की 15 प्रतिशत आबादी पूर्व सैनिकों की है। उत्तराखंड की गढ़वाल राइफल्स और कुमाऊँ रेजीमेंट के जवानों ने इस युद्ध में बहादुरी की मिसाल कायम की। अकेले गढ़वाल राइफल्स के 47 जवान शहीद हुए, जिनमें से 41 उत्तराखंड के थे। कुमाऊँ रेजीमेंट के 16 जवान भी शहीद हुए।

उत्तराखंड के बाद सबसे ज़्यादा शहादत देने वाला राज्य हिमाचल प्रदेश था, जिसके 52 जवान इस युद्ध में शहीद हुए। कैप्टन विक्रम बत्रा जिन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया और राइफलमैन संजय कुमार जिन्हें जीवित रहते हुए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, ये वीर हिमाचल के ही थे।

ऑपरेशन विजय में आया था हजार करोड़ का खर्च

रिपोर्ट्स की मानें तो भारत ने ऑपरेशन विजय में लगभग 5,000 से 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए। अकेले वायुसेना के ऑपरेशन ‘सफेद सागर’ पर ही 2000 करोड़ रुपये खर्च हुए। लेकिन सबसे बड़ी कीमत हमारे 527 वीर जवानों की शहादत थी, जिन्होंने भारत को विजय दिलाने के लिए अपना खून बहाया। पाकिस्तान के नुकसान की बात करें तो उसके लगभग 3000 सैनिक मारे गए, हालाँकि पाकिस्तान ने केवल 357 सैनिकों के मारे जाने की ही सूचना दी है।

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