BJP MP Kangana Ranaut: इस बार के मानसून ने हिमाचल और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों ने भारी तबाही मचाई। भूस्खलन और बाढ़ से चलते सैकड़ों घर तबाह हो गये, तमाम जानें गईं और पूरा जन जीवन ठप पड़ गया। सरकार द्वारा ऐसे में लगातार बचाव कार्य भी किये जा रहे हैं। ऐसी ही आपदा से निपटे के लिए मंडी से BJP सांसद कंगना रनौत का बयान आया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार से इस बारे में बात की है और पीड़ितों की मदद के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से धनराशी की मांग की।
गृह मंत्री से धनराशि की माँग की
उन्होंने कहा- “मैंने मंडी में बाढ़ से हुई तबाही से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से धनराशि की माँग की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके स्थिति का जायज़ा लेंगे… उन्होंने हिमाचल प्रदेश के लोगों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।”
#WATCH | BJP MP Kangana Ranaut says, “I have asked for funds from the Union Home Minister, to deal with the destruction in Mandi after all the floods. He has assured that he will also visit the affected areas to see the situation… He has assured of all possible assistance for… pic.twitter.com/Ng1dHtSxzi
— ANI (@ANI) July 25, 2025
सांसद कंगना रनौत ने गृह मंत्री को मंडी संसदीय क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा की गंभीर स्थिति की पूरी जानकारी दी। उन्होंने उन इलाकों का भी ज़िक्र किया जहाँ बादल फटने और बाढ़ से सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है। इस आपदा में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 23 लोग अभी भी लापता हैं।
मंडी में बारिश ने मचाई तबाही
पिछले महीने जून के अंत में कंगना के संसदीय क्षेत्र मंडी में भारी बारिश ने कहर बरपाया था। इस दौरान कई घर तबाह हो गए और कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय सांसद को काफ़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। आपदा के बाद कई दिनों तक वह प्रभावित इलाकों में नहीं पहुँचीं। कांग्रेस ने इसे लेकर उन पर जमकर निशाना साधा था। हालाँकि, बाद में उन्होंने इलाके का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की।
कम से कम 76 लोगों की मौत
22 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून के आगमन के बाद से, राज्य भर में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 76 लोगों की मौत हो गई है और 34 लोग लापता हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, इस मानसून में राज्य में 40 बाढ़, 23 बादल फटने और 25 भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे लगभग 1,247 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।