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क्या इस्लाम में लव जिहाद की इजाजत है या नहीं? जबरदस्ती हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाना कैसा, जानिए क्या कहता है कुरआन

Conversion According to Islam: उत्तर प्रदेश में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा नाम का व्यक्ति चर्चाओं में है। ये वो शख्स है जो इस्लाम के नाम पर धर्म परिवर्तन करवाता है।जानकारी के मुताबिक इस शख्स ने कई लड़कियों को लव जिहाद के ट्रेप में फंसा कर उनका धर्म परिवर्तन करवाया है।

By: Heena Khan | Published: July 25, 2025 10:23:53 AM IST



Conversion According to Islam: उत्तर प्रदेश में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा नाम का व्यक्ति चर्चाओं में है। ये वो शख्स है जो इस्लाम के नाम पर धर्म परिवर्तन करवाता है।जानकारी के मुताबिक इस शख्स ने कई लड़कियों को लव जिहाद के ट्रेप में फंसा कर उनका धर्म परिवर्तन करवाया है। वहीँ इस दौरान कई पीड़तों ने छांगुर के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। वहीँ अब इस मामले में जाँच एजेंसियाँ रोज़ नए खुलासे कर रही हैं। वहीँ इस बीच एक मुद्दा और उठा हुआ है जिसे लव जिहाद के नाम से जाना जाता है। जिसके मुताबिक कुछ लोग हिंदू लड़कियों को झांसे में लेकर उनसे प्यार भरे कुछ वादे करते हैं और उनका धर्म परिवर्तन करवा देते हैं। 

मुसलामानों पर टिकीं शक की निगाह 

छांगुर बाबा और अब्दुल रेहमान जैसे जल्लादों की वजह से पूरे मुस्लिम समुदाय को शक की निगाह से देखा जाने लगा है। सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक, अल्पसंख्यक समुदाय को हिंसा का भी सामना करना पड़ा है। वहीँ हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के के बीच प्रेम विवाह को ‘लव जिहाद’ कहा जा रहा है। वहीँ कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिन्होंने हिंदू समुदाय के लोगों को बुरी तरह डरा दिया है। तो आइए जान लेते हैं कि इस्लाम धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मामलों के लिए क्या कहता है। क्या ये इस्लाम के मुताबिक सही है या नहीं? 

पहले पढ़वाते थे कलमा और कराते थे निकाह, फिर इतने घिनौने काम में धकेल देते थे जल्लाद, लव जिहाद गैंग का तरीका जान चीख उठेगी…

क्या कहता है इस्लाम 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, जबरन धर्म परिवर्तन  न तो इस्लाम में जायज़ है और न ही कुरान या हदीस के अनुसार इसे जायज़ ठहराया गया है। इस्लाम की मूल शिक्षाएँ मानवीय स्वतंत्रता, इच्छाशक्ति और समझदारी से लिए गए फैसलों को अलग दर्जा देता  हैं। कुरान और हदीस में भी इसका साफ तौर पर स्पष्टीकरण किया गया है।आपकी जानकारी के लिए बता दें, कुरआन मजीद की सूरह अल-बक़रह (2:256) में अल्लाह तआला फरमाता है दीन में कोई ज़बरदस्ती नहीं है। इस आयत से यह बात बिल्कुल साफ हो जाती है कि इस्लाम में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन की कोई इजाजत नहीं दी गई। यह आयत मजहबी आजादी और इंसानी गरिमा को दिखाता है। 

जानिए क्या कहते हैं मौलाना 

वहीँ इस मामले पर मुफ़्ती मोहम्मद इसहाक कासमी ने कहा कि,धर्म के प्रसार में कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं हो सकती। सच्चा मुसलमान वो है जो अल्लाह और उसके पैगम्बर की कही हुई बातों पर अमल करे। वो हमारे बुजुर्गों द्वारा बताई और सिखाई गई बातों पर अमल करे। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने आगे कहा, “सच्चा मुसलमान वो है जो अपने ईमान पर अडिग रहे और आपसी प्रेम, स्नेह और भाईचारे को बढ़ावा दे।

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