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Raksha Bandhan 2025: आ सकता भाइयों पर “खतरनाक संकट”! भद्रा काल में राखी बांधना है बेहद अशुभ, जानिए क्या है का बेहद शुभ महुर्त

Raksha Bandhan 2025: हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया जाता है और इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त को मनाया जायेगा। भद्रा काल में राखी बांधना है बेहद अशुभ, अगर आप भद्रा काल भाई को राखी बांधते है, तो कई तरह की परेशानियों का उन्हें सामना करना पड़ सकता है, जैसे स्वास्थ खराब हो सकता है, अशुभ दुर्घटना हो सकती है यै कोई भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं, क्यों नहीं बांधनी चाहिए भद्रा काल में भाइयों को राखी

By: chhaya sharma | Published: July 24, 2025 7:36:28 PM IST



Raksha Bandhan 2025: हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया जाता है और इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त को मनाया जायेगा। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों के हाथ पर राखी बांधती हैं और साथ ही भाइयों की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा लग रही है और भद्रा काल में राखी बांधना है बेहद अशुभ, अगर आप भद्रा काल भाई को राखी बांधते है, तो कई तरह की परेशानियों का उन्हें सामना करना पड़ सकता है, जैसे स्वास्थ खराब हो सकता है, अशुभ दुर्घटना हो सकती है यै कोई भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं, क्यों नहीं बांधनी चाहिए भद्रा काल  में भाइयों को राखी 

भद्रा काल में क्यों नहीं बांधी जाती राखी 

पुरानी कथाओं के अनुसार रावण की बहन सूर्पनखा ने भद्रा काल में रक्षा सूत्र रावण को बांधा था, जिसके बाद1 वर्ष के भीतर ही रावण का नाश हो गया था, इसलिए भद्रा काल में राखी बांधना बेहद अशुभ माना जाता है। इसके अलावा कुछ और पुरानी कथाओं के अनुसार भद्रा के वक्त भगवान शिव तांडव करते हैं और वो काफी क्रोध में होते हैं, ऐसे में अगर उस समय कुछ भी शुभ काम करें तो उसे शिव जी के गुस्से का सामना करना पड़ेगा और अच्छा काम भी बिगड़ जाता है। इसलिए भद्रा के समय कोई भी शुभ काम नहीं होता।

क्यों अशुभ है भद्रा काल

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भद्राकाल को अशुभ माना जाता है। भद्रा तीनों लोक में भ्रमण करती है पाताल लोक, स्वर्ग लोक और पृथ्वी लोक। कुंभ, मीन, कर्क और सिंह में चंद्रमा हो तो भद्रा का वास पृथ्वी लोक पर माना जाता है। वही जब मेष, वृष, मिथुन ,वृश्चिक में चंद्रमा होने पर भद्रा का वास स्वर्ग लोक में होती है।  जब कन्या, तुला और धनु में चंद्रमा होने पर भद्रा का वास पाताल लोक में होता है। अगर भाद्र नक्षत्र पृथ्वी लोक में रहता है तो अशुभ माना जाता है. जिसकी वजह से कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है, लेकिन अगर भाद्र नक्षत्र स्वर्ग लोक में है, तो वह शुभकारी मानी जाती है। अगर भाद्र नक्षत्र पाताल लोक में है तो भी वह लाभदायक ही होती है। रक्षाबंधन की तिथी पर पाताल लोक की भद्रा लग रही है, जो की बेहद अशुभा, लेकिन चिता की कोई बात नहीं है, क्योंकि भद्रा काल 8 अगस्त की दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 9 अगस्त सुबह 1 बजकर 52 मिनट तक रहने वाला है, ऐसे में रक्षाबंधन पर भद्रा लग तो रही है, लेकिन सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी

रक्षाबंधन पर भाईयों को राखी बांधने का सबसे अच्छा और शुभ मुहूर्त क्या है (Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat And Time) 

  • रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त: 9 अगस्त को सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक 
  • रक्षाबंधन पर राखी बांधने का समय: 9 अगस्त को सूर्योदय के बाद

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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