Sawan 2025: सावन का महीना चल रहा है और मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ लगी रहती है। हर कोई भगवान शिव को खुश करने के लिए जल, दूध, बेलपत्र, भस्म और फल चढ़ा रहा है। लेकिन एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाना सही है?
शिवपुराण में क्या कहा गया है?
शिवपुराण के मुताबिक, शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे शुभ समय सुबह का होता है। शिवलिंग पर ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर 11 बजे तक जल चढ़ाना चाहिए। इस वक्त किए गए जलाभिषेक का असर जल्दी होता है और भगवान शिव की कृपा जल्दी मिलती है।
शाम को जल चढ़ाने से पूजा अधूरी मानी जाती है
पंडितों की मानें तो शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ नहीं होता। ऐसा माना जाता है कि शाम को शिवजी ध्यान या तांडव में रहते हैं और इस समय उन पर जल चढ़ाना पूजा के नियमों के खिलाफ होता है। अगर किसी को शाम को ही पूजा करनी हो तो जल की बजाय दीपक जलाकर “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना बेहतर माना जाता है।
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बहुत से लोग करते हैं ये गलती
भागदौड़ वाली जिंदगी में कई लोग सुबह मंदिर नहीं जा पाते और ऑफिस के बाद शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। ऐसे में वो ये नहीं जानते कि शिव पूजा के कुछ नियम बहुत सख्त होते हैं। बिना जानकारी के पूजा करने से फायदा की जगह नुकसान हो सकता है।
क्या सिर्फ सावन में होता है ये नियम?
नहीं, ये नियम सिर्फ सावन के लिए नहीं बल्कि पूरे साल मान्य होता है। सावन में तो शिव की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे में इस समय पूजा के नियमों का पालन करना और जरूरी हो जाता है।
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अगर आप शाम को ही पूजा करना चाहते हैं, तो आप शिवलिंग के पास घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं, बेलपत्र चढ़ाएं और मन में शिव का ध्यान करें। इससे भी आपको उतना ही पुण्य मिलेगा जितना सुबह जल चढ़ाने से मिलता है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।