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Hariyali Amavasya: 24 जुलाई हरियाली अमावस्या पर बन रहे हैं बेहद शुभ योग, शिव की पूजा से मिलेगी पितृ दोष, कालसर्प दोष और साढ़ेसाती से मुक्ती

24th July Hariyali Amavasya: हरियाली अमावस्या पर रवि योग और सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग। तर्पण और पूजा से मिलेगी पितृदोष से मुक्ती। साथ कालसर्प दोष और साढ़ेसाती भी होगी खत्म। धन-समृद्धि से भरेगा घर, पारिवार में आयेगी सुख-शांती।

By: chhaya sharma | Published: July 23, 2025 6:32:28 PM IST



Hariyali Amavasya: 24th जुलाई 2025 आज अमावस्या है, श्रावण मास में आने वाले अमावस्या बेहद खास होती है, जिसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। इस अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध करना बेहद शुभ होता है। कहा जाता है, जो भी व्यक्ति हरियाली अमावस्या के दिन शिव-पार्वती की पूरे विधी-विधान से पूजा करता है, इसे जीवन में सौभाग्य और सुख-शांति के साथ-साथ पितृशांति की भी प्राप्ति होती है। 

हरियाली अमावस्या पर बन रहे हैं बेहद शुभ योग ( Hariyali Amavasya Formed Very Auspicious Yog)

हरियाली अमावस्या आज 23 जुलाई की देर रात 2:29 बजे से शुरू होगी और 24 जुलाई को रात 12:41 बजे तक रहेगी और जैसी की सभी जानते है कि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद का समय पूजा करने और तर्पण करने के लिए शुभ माना जाता है, इसलिए अमावस्या की पूजी 24 जुलाई को की जायेंगी। इसके अलावा हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य नक्षत्र, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास योग, हर्षण योग और सबसे अच्छा अमृत योग भी बन रहा है, जिसकी वजह से यह अमावस्या बेहद खास बताई जा रही है। ऐसे में कल 24 जुलाई को शिव पूजा के साथ तर्पण और दान करने से पितृदोष से मुक्ति मिलेगी, साथ ही आर्थिक उन्नति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति भी होगी। हरियाली अमावस्या के दिन तर्पण और दान करने से जन्मों-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं और सभी देवी-देवता खुश होते हैं। 

यहां देखें हरियाली अमावस्या के दिन स्नान, दान और पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त 

  • पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 5:38 से लेकर सुबह 7:20 तक रहेगा।
  • दूसरा शुभ मुहूर्त- चर मुहूर्त सुबह 10:35 से लेकर दोपहर 12:27 तक रहेगा।
  • तीसरा शुभ मुहूर्त- लाभ मुहूर्त दोपहर 12:27 से लेकर दोपह 2:10 तक रहेगा।

हरियाली अमावस्या पर क्या करना चाहिए

हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण करना बेहद शुभ माना जाता है, कहा जाता है ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है और भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं।

हरियाली अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान भी कर सकते हैं। इसके अलावा हरियाली अमावस्या पर पितरों के लिए पिंडदान और दान-पुण्य करना चाहिए, ऐसा करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और और रूठे हुए पितर खुश होते है।

हरियाली अमावस्या के दिन पितृसूक्त, गीता, गरुड़ पुराण या पितृ कवच का पाठ करना बेहद जरूरी माना जाता है, ऐसा आप शुद कर सकते है या फिर किसी विद्वान पंडित से ये पाठ आप करवा सकते हैं, ऐसा करने से पितरों की शांति मिलती है। साथ ही हरियाली अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन कराने और दान-दक्षिणा देने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

हरियाली अमावस्या के दिन घर के ईशान कोण में लाल रंग के धागे से बनी बत्ती का घी और थोड़ा सा केसर डालकर दीपक जलाना चाहिए, लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखे की बत्ती रूई की न हो। इसके साथ ही कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए, ऐसा करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है। 

हरियाली अमावस्या के दिन रात की पूजा घर की थाली में ‘ऊँ’ अक्षर बनाकर और  महालक्ष्मी यंत्र रखकर करनी चाहिए, माना जाता है ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-शांति आती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है.

कालसर्प दोष, पितृ दोष तथा साढ़ेसाती से राहत पाने के लिए हरियाली अमावस्या के दिन दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए, साथ ही इस हरियाली अमावस्या पर तर्पण करने से कालसर्प दोष, पितृ दोष और साढ़ेसाती का प्रभाव कम हो जाता है।

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