Monsoon Infections: मानसून चारों तरफ हरियाली, खुशबू और प्राकृती की सुंदरता को बढ़ाता है। भभकती गर्मियों के बाद मानसून लोगों के लिए राहत लेकर आता है। बदलते मौसम के कारण प्राइवेट पार्ट्स में बैक्टीरिया और फंगस ज्यादा पनपने लगते हैं। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा हो जाता है।
मानसून में बढ़ रहा इन्फेक्शन का खतरा
साथ ही इस मौसम में हवा में नमी होने के कारण पसीना भी ज्यादा आता है। जिससे शरीर में पानी की समस्या काफी ज्यादा हो जाती है। इसके कारण मेल और फीमेल दोनों में पीएच का लेवल भी काफी कम हो जाता है। इसी कारण गंभीर इन्फेक्शवन का खतरा मंडराने लगता है।
प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण का खतरा
मानसून में आपको अपने प्राइवेट पार्ट्स का साफ-सफाई का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके। मानसून के दौरान आपकों अपने शरीर की साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इसके लिए आप इन टिप्स को भी फॉलो कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस तरह के संक्रमण शरीर में कहीं भी हो सकता है। गर्दन, पीठ, अंडरआर्म्स और प्राइवेट पार्ट्स कहीं पर भी। क्योंकि बारिश के मौसम में बॉडी जल्दी सूख नहीं पाती, तो बैक्टीरिया और फंगस का खतरा काफी बढ़ जाता है।
पर्सनल हाइजीन का रखें खास ख्याल
इन दिनों आपकों पर्सनल हाइजीन का खास ध्यान रखना चाहिए। फंगल इन्फेक्शन के कारण बार-बार शरीर में खुजली, स्किन पर रैश, बदबू आना या जलन शामिल है। अगर ऐसे में समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो यह इन्फेक्शन काफी ज्यादा गंभीर बन सकता है।
- सूखा और साफ रखें: रोज नहाने के बाद अपने शरीर को अच्छे से सुखआ लें। नमी फंगल ग्रोथ का सबसे बड़ा कारण है।
- ढीले कपड़े पहनें: इस मौसम में आप कॉटन या ढ़ीले कपड़े पहन सकते हैँ। जिससे पसीना सोख जाए। टाइट और चिपके कपड़े पहनने से जलन और इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा हो सकता है।
- एंटी-फंगल क्रीम : जो लोग पसीने से काफी ज्यादा परेशान हो जाते हैं। वह एंटी फंगल क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Disclaimer: इनखबर इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।