Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले की ज़िम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। हालाँकि, भारत की कार्रवाई के बाद उसके सुर बदल गए। अब अमेरिका ने इस संगठन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इसे विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई की सराहना की है। हालाँकि, भारत ने इसके लिए ट्रंप की बजाय विदेश मंत्री मार्को रुबियो को धन्यवाद दिया है।
भारत सरकार ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित करने के अमेरिकी विदेश विभाग के फैसले का स्वागत करता है।
मंत्रालय ने कहा कि यह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक संगठन है, जो कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है। इस संगठन ने ही जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर दो बार हुए हमले की ज़िम्मेदारी ली थी। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और आतंकवादी ढांचे को खत्म करने में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर लगातार जोर दिया है। TRF को आतंकवादी घोषित करना एक महत्वपूर्ण कदम है। अमेरिका का यह फैसला भारत के साथ संबंधों को दर्शाता है।भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। यह काम अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ जारी रहेगा।
जयशंकर ने क्या कहा ?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के इस फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि यह फैसला आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका सहयोग की पुष्टि करता है। उन्होंने मार्को रुबियो का आभार व्यक्त किया और लिखा कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रतिनिधि TRF को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किया गया है। उसने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।
A strong affirmation of India-US counter-terrorism cooperation.
Appreciate @SecRubio and @StateDept for designating TRF—a Lashkar-e-Tayyiba (LeT) proxy—as a Foreign Terrorist Organization (FTO) and Specially Designated Global Terrorist (SDGT). It claimed responsibility for the…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 18, 2025
TRF लश्कर-ए-तैयबा का एक ‘प्रॉक्सी
टीआरएफ को भारतीय और वैश्विक खुफिया दस्तावेजों में लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधि समूह के रूप में देखा जाता है। इसने पिछले वर्षों में कश्मीर में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। ट्रम्प प्रशासन की इस पहल से टीआरएफ के लिए वित्तीय स्रोत और किसी भी अमेरिकी या अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर प्रतिबंध लग जाएगा। अमेरिका का यह कदम दोनों देशों के साझा सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा।
भारत की बड़ी जीत, पहलगाम में 26 लोगों की जान लेने वालों को अमेरिका ने दी ऐसी सजा, सुन कांपने