China Pakistan Drones: पिछले महीने जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, तो चीन ने कई स्तरों पर उसकी मदद की थी। भारतीय सैन्य अधिकारियों ने बताया है कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को चीन से मदद मिली थी। इस लड़ाई में ड्रोन के इस्तेमाल पर काफी जोर दिया गया था। ऐसे में दोनों खास दोस्त यानी चीन-पाक ने ड्रोन के क्षेत्र में भारत के खिलाफ बड़ा जाल बिछाने की तैयारी कर ली है। भारतीय विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन और पाकिस्तान ऐसे स्वार्म ड्रोन बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो भारत की हवाई रक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं।
चीन और पाकिस्तान मिलकर रच रहा साजिश
idrw की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रक्षा विश्लेषक सौरभ झा ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत की हवाई रक्षा प्रणालियों को नाकाम करने के लिए उच्च ऊंचाई वाले ड्रोन विकसित कर रहे हैं। ये ड्रोन पारंपरिक एंटी-एयरक्राफ्ट गन की पहुंच से बाहर उड़ान भरते हैं। ऐसे में ये भारत की लंबी दूरी की हवाई रक्षा मिसाइलों को नष्ट करने का काम करेंगे। अगर इन ड्रोनों के बाद क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया जाता है, तो भारत को हवाई खतरों को रोकने में मुश्किल का सामना करना पड़ेगा।
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क्या है दुश्मन देशों का मकसद?
सौरव झा ने चीन-पाक धुरी से एक संभावित नए खतरे की चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान और चीन ऐसे स्वार्म ड्रोन बना रहे हैं जो L70 जैसी पारंपरिक एंटी-एयरक्राफ्ट गन की पहुंच से बाहर उड़ान भरेंगे। इनका उद्देश्य क्रूज मिसाइल (CM) और बैलिस्टिक मिसाइल (BM) दागने से पहले भारत के वायु रक्षा (AD) मिसाइल भंडार को समाप्त करना होगा।
जब ये चीन-पाक ड्रोन 5,000-10,000 फीट से ऊपर उड़ान भरेंगे, तो भारतीय सेना की L70 जैसी पारंपरिक वायु रक्षा (हवाई लक्ष्यों पर 3,500 मीटर की प्रभावी मारक क्षमता वाली) इन्हें रोक नहीं पाएगी। ऐसे में इन ड्रोनों का मुकाबला करने के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (SAM) का इस्तेमाल करना होगा। ऐसे में, इसके बाद क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया जाएगा।
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पाकिस्तान को चीन से मिलेगा तकनीक
झा ने कहा कि स्वार्म ड्रोन छोटे समन्वित मानवरहित हवाई प्रणालियाँ (यूएएस) हैं, जो अपनी कम लागत और पारंपरिक सुरक्षा को भेदने की क्षमता के कारण आधुनिक युद्ध में एक ताकत के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कहा, “दुश्मन का इरादा क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल दागने से पहले भारत की वायु रक्षा मिसाइलों को नष्ट करना है।”
हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि पाकिस्तान चीन से स्वार्म ड्रोन तकनीक प्राप्त कर रहा है। ये निश्चित रूप से उच्च ऊंचाई वाले अभियानों के लिए बनाए गए हैं। ऐसे ड्रोन टोही, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध या कामिकेज शैली के हमलों के लिए हल्के पेलोड से लैस किए जा सकते हैं। इन्हें भारतीय वायु रक्षा को भेदने के लिए डिजाइन किया गया है।