Typhon Missile System: दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन लगातार अपने पड़ोसी देशों को परेशान करता रहता है। इन देशों में फिलीपींस का नाम भी शामिल है, जिसका बाकी देशों की तरह चीन के साथ क्षेत्र को लेकर तनाव चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ हाल के समय में फिलीपींस और भारत के बीच रिश्ते मजबूत हुए हैं, जिसमें दोनों देशों के बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को लेकर डील हुई है। इसकी वजह से चीन की टेंशन बढ़ी हुई है।
लेकिन फिलीपींस ने अब कुछ ऐसा कर डाला है कि बीजिंग में हड़कंप मच गया है। असल में फिलीपींस ने अमेरिका के सहयोग से Typhon Missile System तैनात किया है। फिलहाल अभी तक इसका इस्तेमाल तो नहीं किया गया है लेकिन इसके बाद भी ये चीन के लिए एक बड़ा सामरिक सिरदर्द बन गया है।
Typhon Missile System की ताकत
रिपोर्टों के अनुसार, टाइफॉन एक मोबाइल लंबी दूरी की सटीक मारक क्षमता वाली प्रणाली है जिसे अमेरिका ने विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मज़बूत करने के लिए डिज़ाइन किया है। इसे अमेरिकी रैपिड कैपेबिलिटीज़ एंड क्रिटिकल टेक्नोलॉजीज़ ऑफिस (RCCTO) द्वारा विकसित किया गया है और यह वास्तव में एक बहु-मिशन हथियार प्लेटफ़ॉर्म है जिसमें लंबी दूरी की क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं।
टाइफॉन प्रणाली में वर्तमान में दो प्रमुख हथियार तैनात हैं, जिनमें SM-6 मिसाइल (स्टैंडर्ड मिसाइल-6) शामिल है जो तीनों दिशाओं – हवा, पानी और ज़मीन – से खतरों का मुक़ाबला कर सकती है। दूसरी है टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइल जो 1,600 किलोमीटर तक सटीक हमले कर सकती है और दुश्मन के कमांड सेंटर, रडार, एयरबेस आदि को नष्ट करने में सक्षम है।
आपको बता दें कि टाइफॉन सिस्टम पूरी तरह से मोबाइल है यानी इसे ट्रक पर रखकर किसी भी इलाके में ले जाया और तैनात किया जा सकता है, चाहे वह पहाड़ी हो, तटीय क्षेत्र हो या घना जंगल। इससे दुश्मन के लिए यह अप्रत्याशित हो जाता है। अत्याधुनिक सेंसर, नेटवर्क-केंद्रित संचार और एआई-आधारित लक्ष्य चयन तकनीक इसे बेहद घातक बनाती है। यह दुश्मन की गतिविधियों पर वास्तविक समय में नज़र रख सकता है और निर्णय लेने में ज़्यादा समय नहीं लगाता।
चीन के छूटे पसीने
टाइफॉन सिस्टम को अमेरिका ने फिलीपींस में तैनात किया है, जो दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि ये वही इलाका है जहाँ चीन लगातार अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है और विवादित द्वीपों पर अपना दावा कर रहा है। टाइफॉन की मौजूदगी चीन के लिए एक ऐसा खतरा है जिसे वह नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता क्योंकि इसकी मिसाइलें चीन की मुख्य भूमि तक पहुँच सकती हैं।