Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त बड़ा बदलाव होते हुए दिख रहा है। भाषा विवाद की वजह से दो भाई एक साथ आ गए हैं। यहां पर हम उद्धव और राज ठाकरे की बात कर रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) और MNS के बीच गठबंधन को लेकर संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने ठाकरे भाईयों के बीच संभावित राजनीतिक गठबंधन को महाराष्ट्र की राजनीति के लिए नई दिशा देने वाला कदम बताया है।
राउत ने हमला बोलते हुए मुखपत्र सामना के साप्ताहिक कॉलम रोकठोक में भाजपा पर तीखे आरोप लगाए और कहा कि ठाकरे बंधुओं की एकता से दिल्ली और महाराष्ट्र की सत्ता में बैठे लोग घबरा गए हैं।
‘भाजपा की नीति मुंबई को लूटने की’
भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि भाजपा की नीति पहले मुंबई को लूटने, फिर मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और अलग विदर्भ का खेल खेलने की है, जिससे महाराष्ट्र का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।
यहां उन्होंने सीएम फडणवीस पर भी निशाना साधा। राउत ने कहा कि लोग यह नहीं भूले हैं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले दिनों नागपुर में हुए आंदोलन के दौरान ‘विदर्भ मेरा एकमात्र राज्य है’ संदेश वाले पोस्टर लहराए थे।
‘ठाकरे भाइयों का साथ आना, मराठी मानूस के लिए आत्मविश्वास वाला क्षण’
राज्यसभा सांसद राउत ने आगे कहा कि, “अगर ठाकरे बंधुओं की एकता और नेतृत्व कायम नहीं रहा, तो मुंबई उद्योगपतियों द्वारा निगल ली जाएगी और एक दिन यह महाराष्ट्र का हिस्सा नहीं रहेगी।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अप्रैल में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ एकता का आह्वान किया था और पुराने मतभेदों को तुच्छ बताया था।
‘दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकार हिल गई’
राउत ने दावा किया, “ठाकरे बंधुओं की एकता ने दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकारों को हिलाकर रख दिया है।”। राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस की राज ठाकरे से मुलाकात ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है और अब मनसे अध्यक्ष खुद इस पर बोलेंगे और भ्रम दूर करेंगे। राउत ने यह भी कहा कि मराठी मानुष को पहले मुंबई और ठाणे के लिए लड़ना चाहिए।