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Himachal Disaster: बर्बादी का मानसून…, हिमाचल प्रदेश में 750 करोड़ की तबाही, बारिश का केहर जारी; कई जिलों में अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार राहत नहीं, बल्कि आफत बनकर आया है। पिछले 10 दिनों में बारिश ने प्रदेश को करीब 750 करोड़ रुपये की चपत लगाई है। राज्य के तीन जिलों - कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में शुक्रवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

By: Shivanshu S | Last Updated: July 11, 2025 9:40:14 AM IST



Himanchal Weather: हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार राहत नहीं, बल्कि आफत बनकर आया है। पिछले 10 दिनों में बारिश ने प्रदेश को करीब 750 करोड़ रुपये की चपत लगाई है। राज्य के तीन जिलों – कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में शुक्रवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, वहीं चंबा, कुल्लू, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और शिमला में यलो अलर्ट लागू किया गया है।

बारिश को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण 207 सड़कें अभी भी बंद हैं। बता दें, सिर्फ मंडी जिले में 134 सड़कें बाधित हैं और सिरमौर जिले में 43। इन सड़कों को बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन भूस्खलन और लगातार बारिश से दिक्कतें आ रही हैं।

लोक निर्माण विभाग (PWD) को अब तक करीब 327 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 404 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा, बिजली व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। 132 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं जिनमें से मंडी में 111, गोहर में 107, कुल्लू में 20, और करसोग में 4 ट्रांसफार्मर खराब हैं। जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, इनकी मरम्मत का काम जारी है। बता दें, पेयजल व्यवस्था भी चरमरा गई है। कुल 812 जल योजनाएं बंद पड़ी हैं, जिनमें कांगड़ा जिले की 603 और मंडी की 204 योजनाएं शामिल हैं।

बारिश का सबसे ज्यादा कहर सिरमौर के धौलाकुआं में देखने को मिला जहां 168 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा, बिलासपुर में 120.4 मिमी, मनाली में 46, नाहन में 34.1, पालमपुर में 18.8, मंडी में 22.4, कांगड़ा में 28, और शिमला में 10.3 मिमी वर्षा हुई है।

मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और अनावश्यक यात्रा से बचें। प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयारी रहे। बता दें, हिमाचल में मानसून इस बार विनाश की कहानी लिख रहा है। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है, हजारों लोग प्रभावित हैं और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रशासन और जनता दोनों को अभी और सतर्क रहने की जरूरत है।

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