Putrada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. यह व्रत भगवान श्री विष्णु जी को समर्पित है. इस व्रत को करने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है. साल 2025 का आखिरी एकादशी व्रत आज है यानि 30 दिसंबर 2025, मंगलवार के दिन है.
पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकदाशी व्रत को रखने से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है और साथ ही माता-पिता अपने बच्चों की रक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस व्रत को करते हैं. इस व्रत को करने से भगवान विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन व्रत और पूजा करने से योग्य संतान, सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. जानते हैं इस व्रत को करने की संपूर्ण विधि.
पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
- एकादशी व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
- इस दिन नहाने के बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु जी के मंत्र का जाप करें और ध्यान करें.
- भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें
- इस दिन भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें.
- विष्णु जी को पीले रंग का फूल चढ़ाएं.
- विष्णु जी को पीले फल, बेसन के लड्डू, हल्दी, चना दाल, या अन्य पीली वस्तुओं का भोग लगाएं.
- इस दिन दान का विशेष महत्व होता है. कोशशि करें एकादशी के दिन पीली वस्तुओं का दान करें.
- इस दिन व्रत करें और तामसिक भोजन का त्याग करें.
- विष्णु चालीसा का पाठ करें.
- एकादशी व्रत का पारण अगले दिन करें. एकादशी तिथि समाप्त होने के बाद किया जाता है.
पुत्रदा एकादशी व्रत पारण
31 दिसंबर, 2025 बुधवार को पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण करें. इस दिन दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक कर सकते हैं. पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 10:12 रहेगा.
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