Adhik Maas 2026: अधिक मास का अर्थ होता है एक अधिक महीना. यह चंद्र वर्ष का अक अतिरिक्त भाग है. जो हर तीन साल के बाद आता है. यानि 32 माहीने, 16 दिन और 8 घटी के अंतर से आता है. इसका अर्थ सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच अंतर का संतुलन बनाने के लिए होता है.
अधिक मास का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य सभी बारह राशियों के भ्रमण करता है तो उस समय को सौरवर्ष कहा जाता है. यह 365 दिन, 6 घंटे की अवधि का होता है. चंद्र एक वर्ष में 12 बार प्रत्येक राशि का भ्रमण करते हैं. यह चांद्र वर्ष कहलाता है. यह वर्ष 354 दिन और लगभग 9 घंटे का माना जाता है. ऐसे में सूर्य और चंद्रमा के वर्ष का समीकरण ठीक करने के लिए अधिक मास का जन्म हुआ. यानी जिस महीने सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे अधिक मास कहा जाता है.
अधिकमास को मलमाल भी कहा जाता है. साल में कुल 365 दिन होते हैं, चंद्र वर्ष में लाभगग 354 दिन होते हैं. यह 11 दिनों का अंतर मलमास या अधिकमास कहलाता है. इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है.
अधिकमास में धार्मिक अनुष्ठानों और दान पुण्य का विशेष महत्व होता है. इस माह में भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही अधिक मास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. मान्यता है कि इस मास में जो भगवान विष्णु का पूजन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
साल 2026 में अधिक मास कब?
साल 2026 में अधिकमास 17 मई, रविवार से शुरू होकर 15 जून, सोमवार तक रहेगा, जो कि ज्येष्ठ महीने के दौरान आएगा और इस वजह से उस साल 12 की जगह 13 महीने होंगे, यह माह भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दौरान दान-पुण्य, जप-तप, व्रत रखना शुभ माना जाता है. यह माह ज्येष्ठ माह का अधिक मास होगा.
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