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कौन थे Osman Hadi? जिनकी बांग्लादेश में रची गई मौत की साजिश; सिंगापुर के अस्पताल में तोड़ा दम

Bangladesh News: 2024 के छात्र आंदोलन के एक बांग्लादेशी नेता, उस्मान हादी की गुरुवार को मौत हो गई. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, शरीफ उस्मान हादी की हत्या के प्रयास में लगी चोटों के कारण उनकी मौत हो गई.

By: Heena Khan | Published: December 19, 2025 7:45:19 AM IST



Osman Hadi: 2024 के छात्र आंदोलन के एक बांग्लादेशी नेता, उस्मान हादी की गुरुवार को मौत हो गई. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, शरीफ उस्मान हादी की हत्या के प्रयास में लगी चोटों के कारण उनकी मौत हो गई. हादी को इमरजेंसी मेडिकल इलाज के लिए 15 दिसंबर को बांग्लादेश से एयरलिफ्ट करके सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल (SGH) के न्यूरोसर्जिकल इंटेंसिव केयर यूनिट में ले जाया गया. नेता को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सिर में गोली लगने के कुछ दिनों बाद एयरलिफ्ट किया गया था. जिसके चलते सिंगापुर MFA ने लिखा, “SGH और नेशनल न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद, श्री हादी 18 दिसंबर 2025 को अपनी चोटों के कारण चल बसे.” सिंगापुर अभी सिंगापुर शहर में बांग्लादेश हाई कमीशन की मदद कर रहा है ताकि नेता के शव को ढाका वापस भेजा जा सके.

ढाका में हुआ था जानलेवा हमला 

जानकारी के मुताबिक, हादी को 12 दिसंबर को ढाका में पल्टन इलाके में कल्वरट रोड पर बैटरी से चलने वाले ऑटो-रिक्शा में यात्रा करते समय अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी. घटना के बाद उन्हें तुरंत ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ले जाया गया और बाद में एवरकेयर हॉस्पिटल में ट्रांसफर कर दिया गया. एवरकेयर हॉस्पिटल से, बेहतर इलाज और देखभाल के लिए शनिवार को नेता को एयरलिफ्ट करके सिंगापुर ले जाया गया.

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उस्मान हादी कौन थे?

हादी हसीना विरोधी प्लेटफॉर्म इंकलाब मंच के सदस्य थे. फरवरी में होने वाले चुनावों में उम्मीदवार होने के साथ-साथ, हमले के समय हादी ढाका-8 निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर प्रचार कर रहे थे. इंकलाब मंच पिछले साल बांग्लादेश में जुलाई में हुए विद्रोह के दौरान चर्चा में आया था, जिसके कारण आखिरकार शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा. इस समूह को एक कट्टरपंथी संगठन बताया जाता है, और यह अवामी लीग को खत्म करने की कोशिशों में भी सबसे आगे रहा है. छात्र विद्रोह में हिस्सा लेने के बावजूद, यूनुस सरकार ने इस पार्टी को भंग कर दिया और इसे राष्ट्रीय चुनावों में चुनाव लड़ने से रोक दिया है.

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