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अरबों के लोन फ्रॉड में फंसे अनिल अंबानी के बेटे! CBI ने दर्ज किया केस, अब क्या होगा?

अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी और RHFL पर CBI ने ₹228 करोड़ की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है. कैसे यूनियन बैंक का लोन NPA बना और फोरेंसिक ऑडिट में क्या खुलासे हुए? जानिए इस बड़े घोटाले की पूरी कहानी।

By: Shivani Singh | Published: December 9, 2025 3:48:40 PM IST



केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के खिलाफ केस दर्ज किया है.अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह कार्रवाई यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में कथित धोखाधड़ी के एक मामले में की गई है, जिससे सरकारी बैंक को ₹228 करोड़ का नुकसान हुआ है.

CBI ने यह कार्रवाई बैंक (जो पहले आंध्र बैंक था) की शिकायत पर की है. इस शिकायत में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, और कंपनी में निदेशक (Director) रहे जय अनमोल अनिल अंबानी और रविंद्र शरद सुधाकर का नाम शामिल है.

शिकायत के अनुसार, कंपनी ने अपनी व्यावसायिक ज़रूरतों के लिए मुंबई स्थित बैंक की SCF शाखा से ₹450 करोड़ की क्रेडिट लिमिट प्राप्त की थी. बैंक ने इस ऋण के लिए कुछ शर्तें रखी थीं, जिनमें समय पर पुनर्भुगतान, ब्याज और अन्य शुल्कों का भुगतान, सिक्योरिटी की स्थिति बनाए रखना, ज़रूरी दस्तावेज़ समय पर जमा करना, और बिक्री से प्राप्त पूरी रकम को बैंक अकाउंट के माध्यम से भेजना जैसे वित्तीय अनुशासन शामिल थे.

अधिकारियों ने बताया कि कंपनी बैंक को ऋण की किस्तें चुकाने में विफल रही। परिणामस्वरूप, 30 सितंबर, 2019 को इस खाते को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित कर दिया गया.

इसके बाद, ग्रांट थॉर्नटन (GT) ने 1 अप्रैल, 2016 से 30 जून, 2019 तक की अवधि के खातों की फोरेंसिक जांच (Forensic Audit) की। इस जांच में यह पाया गया कि उधार लिए गए फंड का दुरुपयोग किया गया था, जिसे फंड का डायवर्जन माना गया.

बैंक ने आरोप लगाया, “आरोपी व्यक्तियों ने, जो कर्ज लेने वाली कंपनी के पूर्व प्रमोटर/निदेशक थे, खातों में हेरफेर और आपराधिक विश्वासघात के ज़रिए फंड का धोखाधड़ी से गलत इस्तेमाल किया. उन्होंने जानबूझकर उस उद्देश्य के अलावा दूसरे कामों के लिए फंड को डायवर्ट या गबन कर लिया, जिसके लिए यह फाइनेंस स्वीकृत किया गया था.”

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