Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, एक हिंदू तपस्वी और गुरु हैं, जो राधावल्लभ संप्रदाय मो मानते हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपनी भक्ति, सरल जीवन, और मधुर कथाओं के लिए लोगों में काफी प्रसिद्ध हैं. हर रोज लोग उनके कार्यक्रम में शामिल होते हैं जहां वह लोगों के सवालों के जवाब देते हैं.हजारों लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं. उनके प्रवचन, जो दिल को छू जाते हैं, ने उन्हें बच्चों और युवाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है. प्रेमानंद जी महाराज नाम जप करने के लिए के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और साफ मन से अपने काम को करें और सच्चा भाव रखें.
इस लेख के जरिए जानते हैं कि आखिर सच्ची सफलता क्या है?
सच्ची सफलता यह है कि हमें शांति मिल जाए, हमारा मन प्रसन्न हो जाए, कोई सफल नहीं है जो जो जहां उसे राग द्वेष है, अशांति है यह माया है, यह चाह मिटती नहीं है, जब तक चाह है तब तक अशांति है. इसीलिए जो अशांत है वो सुखी कैसे हो सकता है, शांति संतोष में है.
अब हम अपने जीवन को भगवत मार्ग में लगाएं, भगवान के नाम का जप करें, दूसरों की सेवा करें, भगवान की कथा सुनें, कीर्तिन करें. जीवन का लक्ष्य है भगवत प्राप्ति , मनुष्य जीवन का लक्ष्य है परम शांत और सुखी हो जाना. यह सब केवल भगवान से नाम से मिलेगा माया से नहीं मिलेगा. माया जितनी मिलती जाती है उतनी अशांति बढ़ती जाती है.
देखने में लगता है कि जिंदगी मौज में हैं, लेकिन अशांति पड़ी है. जब हम मांग के खाते थे बिना बिजली के रहते थे, तब जीवन में शांति थी, या आज हम सोफा में बैठे हैं, एसी चल रहा है लोगों को लगा होगा यह शांति है, लेकिन असली शांति वो थी.
व्यवस्था शांति प्रदान करेगी, बढ़िया गाड़ी, घर होगा तो शांत मिलेगी. लेक
“साईं इतना दीजिए, जामे कुटुंब समाय” का अर्थ है कि ईश्वर से इतनी प्रार्थना है कि वह इतनी ही संपत्ति दे, जिससे मेरा परिवार सुखी और सुरक्षित रहे और कोई भी याचक (जैसे साधु या जरूरतमंद) भूखा न जाए.