Babri Masjid Row: पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने का एलान करने वाले तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर के पार्टी ने सस्पेंड कर दिया है. टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हुमायूं कबीर बाबरी मस्जिद क्यों बनाएंगे. अगर उनके पास अधिक पैसा था तो दूसरा कुछ क्यों नहीं बनाने की बात कही.
फिरहाद हकीम ने आगे कहा कि बाबरी मस्जिद प्रोपेगेंडा के पीछे बीजेपी का हाथ है. उन्होंने कहा कि हुमायूं रेजीनगर में रहते हैं और विधायक वो भरतपुर से हैं, बेलडांगा में जानबुझकर दंगा कराने की साजिश है.
टीएमसी से सस्पेंड होने के बाद हुमायूं कबीर ने क्या कहा था?
वहीं टीएमसी से सस्पेंड होने के बाद हुमायूं कबीर की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा- “मैं फिरहाद हकीम की बातों का जवाब नहीं दूंगा. मैं कल पार्टी छोड़ रहा हूं, नई पार्टी की घोषणा 22 तारीख को की जाएगी. मुझे जो घोषणा करनी है, वह मैं दो घंटे बाद करूंगा.”
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर पर ध्वजारोहण से पहले हुमायूं कबीर ने यह कहकर सियासी पारा चढ़ा दिया था कि वह छह दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद से मिलती-जुलती मस्जिद की नींव रखेंगे.
साथ ही हुमायूं कबीर ने चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें रोका गया, तो उस दिन राष्ट्रीय राजमार्ग-34 पर मुस्लिमों का नियंत्रण होगा. बेलडांगा से विधायक कबीर कई महीनों से बागी तेवर अपनाए हुए थे. इससे पहले उन्होंने हाल ही में एक नया संगठन बनाने की अपनी मंशा भी जाहिर की थी.
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी दी थी चेतावनी
इसके बाद लगातार राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई थीं. इसी क्रम में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने चेतावनी दी थी कि देश में मुगल वंश के संस्थापक बाबर के नाम पर यदि मस्जिद बनाने का कोई प्रयास होगा तो उसका भी वही हाल होगा जो छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में हुआ था.
हुमायूं कबीर के एलान के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने भी राज्य सरकार से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था. बोस ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो प्रशासन को एहतियातन लोगों को हिरासत में लेना चाहिए.
गौरतलब है कि अयोध्या में कारसेवकों ने छह दिसंबर 1992 को ‘बाबरी मस्जिद’ को ध्वस्त कर दिया था. उनका दावा था कि मस्जिद रामजन्म भूमि मंदिर तोड़कर बनाई गई थी. फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वहां पर राम मंदिर का निर्माण किया गया है, जबकि मस्जिद के लिए अलग जगह पर जमीन दी गई.