अदियाला जेल में क़ैद इमरान ख़ान की सेहत को लेकर पिछले कई दिनों से तरह-तरह की बातें फैल रही थीं. सोशल मीडिया पर अफ़वाहें इतनी बढ़ गईं कि हालात विरोध-प्रदर्शनों तक पहुंच गए. लेकिन अब तस्वीर कुछ साफ़ हो गई है. उनकी बहन उज़मा को आखिरकार इमरान ख़ान से मिलने की इजाज़त मिल गई.
जेल से बाहर निकलकर उज़मा ने बताया कि इमरान ख़ान पूरी तरह ठीक हैं. “ज़िंदा भी हैं और फिट भी.” हाँ, उन्होंने यह ज़रूर कहा कि इमरान बेहद गुस्से में हैं. उनका आरोप है कि जेल प्रशासन मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है और उन्हें किसी से बातचीत तक नहीं करने दी जा रही.
इधर, इमरान के समर्थक लगातार शहबाज़ शरीफ़ सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर रहे हैं. रावलपिंडी में अदियाला जेल के बाहर PTI कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रदर्शन किया. पार्टी के सांसद इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर भी जुटे रहे और अपने नेता की हालत जानने की कोशिश करते रहे. हालात को देखते हुए जेल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
इमरान खान की मौत के दावे
सोशल मीडिया पर इमरान खान की मौत के बारे में बिना वेरिफिकेशन वाले दावों की बाढ़ आ गई थी. ये अटकलें तब और तेज़ हो गईं जब बलूचिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी ISI ने आर्मी चीफ असीम मुनीर के साथ मिलकर रावलपिंडी की अदियाला जेल के अंदर खान की हत्या की साज़िश रची थी.
इमरान खान की दूसरी बहन, अलीमा खाना ने भी अदियाला जेल सुपरिटेंडेंट और दूसरों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की पिटीशन फाइल की, क्योंकि उन्हें जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री से मिलने की इजाज़त नहीं दी गई थी.
अलीमा ने खैबर पख्तूनख्वा के चीफ मिनिस्टर सोहेल अफरीदी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के दूसरे नेताओं की मौजूदगी में पिटीशन फाइल की. पिटीशन में कोर्ट के 24 मार्च के ऑर्डर का ज़िक्र किया गया, जिसमें तिहत्तर साल के अलीमा के लिए हफ़्ते में दो बार मिलने का शेड्यूल फिर से शुरू कर दिया गया था, जो अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. इसमें कहा गया कि अलीमा ने कोर्ट के निर्देशों को जानबूझकर लागू न करने, खासकर अधिकारियों द्वारा खान से मिलने की इजाज़त न देने के लिए कंटेम्प्ट की कार्रवाई की मांग की..
इजाज़त देने के बावजूद मिलने की इजाज़त नहीं दी गई
इसमें यह भी कहा गया कि मंगलवार और गुरुवार को मिलने की इजाज़त देने के साफ़ निर्देशों के बावजूद, रेस्पोंडेंट्स ने इसका पालन नहीं किया. पिटीशन में कहा गया कि अलीमा अपने भाई की भलाई, उसके कानूनी अधिकारों और जेल के दौरान उसके साथ इंसानी बर्ताव को लेकर बहुत परेशान हैं. अलीमा और अफ़रीदी दोनों ने सोलह घंटे के धरने में हिस्सा लिया था जो गुरुवार को शुरू हुआ और शुक्रवार सुबह खत्म हुआ जब उन्हें फिर से खान से मिलने की इजाज़त नहीं दी गई.