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Maritime Law 2025: गोदी मजदूरों के लिए केंद्र की मोदी सरकार का बड़ा कदम, अब मिलेंगी ये सुविधाएं

Maritime Law 2025 Latest News: समुद्री कानून के तहत अब प्रतिष्ठानों को गोदी श्रमिकों का रिकॉर्ड रखना होगा और अनिवार्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण मानकों का पालन करना होगा. नई संहिताओं के आने से अनुबंध पर काम करने वाले और अस्थायी गोदी श्रमिकों दोनों को भविष्य निधि, पेंशन और बीमा के साथ अनिवार्य नियुक्ति पत्र जैसी सुविधाएं मिलेंगी.

By: Hasnain Alam | Published: November 28, 2025 8:20:49 PM IST



Maritime Law 2025 News: केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को जानकारी दी गई कि नई श्रम संहिताएं और समुद्री कानून सामूहिक रूप से गोदी श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक मजबूत फ्रेमवर्क तैयार करते हैं. गोदी श्रमिक, उन मजदूरों को कहा जाता है जो जहाजों पर माल चढ़ाने और उतारने का काम करते हैं.

केंद्र सरकार की ओर से हाल में चार नई श्रम संहिताएं- वेतन संहिता, 2019; औद्योगिक संबंध संहिता, 2020; सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020- लागू की गई हैं. नई श्रम संहिताओं के तहत गोदी श्रमिकों का प्रतिष्ठान के रूप में अनिवार्य पंजीकरण लागू कर दिया गया है.

श्रमिकों को बुनियादी कानूनी सुरक्षा से होना पड़ता था वंचित

कई गोदी औपचारिक पंजीकरण के बिना संचालित होते थे, जिससे नियामक निगरानी सीमित हो जाती थी और श्रमिकों को बुनियादी कानूनी सुरक्षा से वंचित होना पड़ता था. नई संहिताएं गोदी श्रमिकों की आधिकारिक मान्यता सुनिश्चित करती हैं, जिससे श्रमिकों को कानूनी अधिकारों को जानने, उनके हकों का दावा करने और शिकायत निवारण की मांग करने में मदद मिलती है.

नई श्रम संहिताओं के तहत, अब प्रतिष्ठानों को गोदी श्रमिकों का रिकॉर्ड रखना होगा और अनिवार्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण मानकों का पालन करना होगा. नई संहिताओं के आने से अनुबंध पर काम करने वाले और अस्थायी गोदी श्रमिकों दोनों को भविष्य निधि, पेंशन और बीमा के साथ अनिवार्य नियुक्ति पत्र जैसी सुविधाएं मिलेंगी.

गोदी श्रमिकों के लिए हुए परिवर्तनकारी लाभ

सरकार के अनुसार, नई श्रम संहिताओं के साथ-साथ, भारतीय पत्तन अधिनियम और व्यापारिक नौवहन अधिनियम जैसे समुद्री कानूनों में किए गए अपडेट से गोदी श्रमिकों के लिए परिवर्तनकारी लाभ हुए हैं.

पंजीकरण को औपचारिक रूप देकर, सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाकर, परिचालन प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करके, कड़े सुरक्षा मानकों को स्थापित करके और श्रमिक भागीदारी को सक्षम करके, ये सुधार दशकों से चली आ रही नियामक और कल्याण संबंधी कमियों को दूर करते हैं. साथ ही गोदी श्रमिकों के लिए अधिक सुरक्षित, न्यायसंगत और भविष्य के लिए तैयार कार्यस्थल बनाते हैं.

बता दें कि नए लेबर कोड्स में कई बदलाव किए गए हैं, जो मजदूरों-कर्मचारियों में हित में भी है. इसे 21 नवंबर से लागू किया गया है.

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