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भारत के वो गैंगस्टर जो बने देशद्रोही, एक ने तो सलमान खान पर किया था हमला

भारत के आपराधिक इतिहास (Criminal History) में ऐसे कई नाम शामिल हैं जिन्होंने अपराध की दुनिया में आतंक जैसा माहौल बनाया हुआ है. इन गैंगस्टर (Gangster) की पहुंच अंतर्राष्ट्रीय स्तर (International Level) तक पहुंच चुकी है.

By: DARSHNA DEEP | Published: November 27, 2025 7:14:53 PM IST



Gangsters Who Turned Into Traitors:  भारत के इतिहास में ऐसे कई खतरनाक गैंगस्टरों का नाम दर्ज हैं, जिन्होंने शुरुआत तो छोटे-मोटे अपराधों से की लेकिन उनका यह अपराध अब एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुका है. आज भी उनके नाम से लोगों के अंदर खौफ देखने को मिलता है. लेकिन, इन गैंगस्टरों का नाम अब देशद्रोही के लिस्ट में शामिल हो चुका है. नीते दिए गए भारत के उन प्रमुख गैंगस्टरों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है जिन पर देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने के सदियों से गंभीर आरोप लगे आ रहे हैं.

1. दाऊद इब्राहिम और डी-कंपनी 

दाऊद इब्राहिम का नाम तो बच्चा-बच्चा भी जानता होगा. भारत में संगठित अपराध (Organised Crime) और राष्ट्रद्रोह का आरोप लगा है. 

मुंबई बम धमाके और आतंकवाद का लिंक

दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी साल 1980 और 1990 के दशक में मुंबई की सबसे खूंखार आपराधिक सिंडिकेट में से एक थी.  लेकिन उसका सबसे बड़ा और घिनौना अपराध तब सामने आया जब साल 1993 के मुंबई बम धमाकों में उसका नाम इस घटना में शामिल किया गया.  इन धमाकों में सैकड़ों निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ गई थी. जांच एजेंसियों के मुताबिक, दाऊद ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर इस भयंकर हमले को अंजाम दिया था. इस घटना के बाद वह तबसे देश छोड़कर फरार है और ऐसा कहा जात है कि पाकिस्तान में रहता है. फिलहाल, इस बात में कितनी सच्चाई है इस बात पर मुहर नहीं लगाई जा सकती है. 

भारत सरकार ने वैश्विक आतंकवादी किया घोषित

इतना ही नहीं मुंबई बम धमाके के बाद भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने दाऊद इब्राहिम को एक वैश्विक आतंकवादी (Global Terrorist) घोषित कर दिया है. इसके साथ ही उस पर भारत विरोधी गतिविधियों, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद में शामिल रहने के कई गंभीर आरोप लगे हैं. तो वहीं,  पाकिस्तान से ऑपरेट करते हुए, वह आज भी भारत में जबरन वसूली, ड्रग्स की तस्करी और अन्य अपराधों के माध्यम से लोगों के अदंर अपना खौफ पैदा करने की पूरी कोशिश करता है. दाऊद का गैंगस्टर से वैश्विक आतंकवादी और देश के सबसे बड़े भगोड़े देशद्रोही बनने का सफर भारत की आपराधिक दुनिया का सबसे काले अध्याय में से एक है. 

2. लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर ‘गद्दारी’ के लगे आरोप

बात करें हाल के सालों में तो, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में सक्रिय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को आखिर कौन नहीं जानता होगा? उसके गिरोह पर भी गंभीर देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने के कई आरोप लगे हैं. लेकिन, यह आरोप मुख्य रूप से अन्य गैंगस्टर गुटों जैसे रोहित गोदारा गैंग के आपसी संदर्भ में अपने आप ही सामने आ गए हैं.

विदेशी खुफिया एजेंसियों से साठगांठ का दावा

कुछ रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के मुताबिक, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के विरोधी गुटों ने उस पर यह गंभीर आरोप लगाया है कि वह जेल में रहने या विदेश से ऑपरेट करने के दौरान अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के साथ सांठगांठ करके देश की संवेदनशील और खुफिया जानकारी लीक करने का काम करता है. 

लेकिन, यह आरोप गिरोहों की आपसी दुश्मनी को लेकर बयां करती हैं. तो वहीं, दूसरी तरफ बिश्नोई और उसके साथी जैसे गोल्डी बराड़ और अनमोल बिश्नोई विदेशों से बैठकर भारत में हाई-प्रोफाइल अपराधों को तेज़ी से अंजाम देने में जुटे हुए हैं. अपराधों में शामिल पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर, बाबा सिद्दीकी मर्डर को इस गैंग ने बड़े पैमाने पर अंजाम दिया है. इतना ही नहीं, इस गैंग का खालिस्तानी से भी अच्छा खासा संपर्क देखने को मिलता है. 

 खालिस्तानी आतंकियों से क्या है लिंक? 

सुरक्षा एजेंसियां बिश्नोई गिरोह और कनाडा/अमेरिका में बैठे खालिस्तानी आतंकवादियों के बीच बढ़ते अपराधों पर नज़र रखी जा रही है. इस गिरोह पर नज़र नहीं रखे जाने पर यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा भी बन सकते हैं.

3. पंजाब के सीमा पार गैंगस्टर और ISI लिंक

पंजाब, जो सीमावर्ती राज्य है, वहां कई गैंगस्टर गुट सीमा पार से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में लगातार कई सालों से शामिल होते हुए नज़र आ रहे हैं. 

PK  सीमा पार तस्करी और आतंकवाद को समर्थन

यह गैंगस्टर अक्सर पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों, विशेष रूप से खालिस्तानी समूहों और ISI के लिए स्लीपर सेल के रूप में देशभर में काम करते हैं. इतना ही नहीं, वे सीमा पार से लाए गए ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स और खतरनाक हथियार जैसे AK-47, ग्रेनेड भारत में तेज़ी से सप्लाई करते हैं और इन पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए ही किया जाता है. 

टारगेट किलिंग

इन गैंगस्टरों को विदेश में बैठे आकाओं द्वारा टारगेट किलिंग (Target Killing) को अंजाम देने के लिए भी लगातार कई सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है. ये टारगेट अक्सर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने वाले नागरिक, नेता या फिर किसी तरह के धार्मिक हस्तियां ही होते हैं. इस तरह की गतिविधियां सीधे तौर पर राष्ट्र की शांति और एकता को तोड़ने का काम करती हैं, जो उन्हें देशद्रोही बनाती हैं. 

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