इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बन गया है. संयुक्त राष्ट्र की नई शहरी आकलन रिपोर्ट ‘वर्ल्ड अर्बनाइजेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2025’ से यह साफ हो गया कि जकार्ता एक ऐसा विशाल महानगरीय इलाका बन चुका है, जिसने आबादी के मामले में टोक्यो को भी पीछे छोड़ दिया है.
अब जकार्ता और उसका विस्तृत महानगर क्षेत्र- जिसे ‘जबोदेताबेक’ कहा जाता है- के अंदर 4 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. जकार्ता की आबादी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण देश के अंदर से हुआ भारी पैमाने का पलायन है. इंडोनेशिया के ग्रामीण इलाकों, छोटे शहरों और दूर-दराज द्वीपों से लाखों लोग शिक्षा, रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में लगातार यहां आते रहे हैं.
युवाओं के लिए कैसे आकर्षण का केंद्र बना जकार्ता?
जकार्ता 1970 के दशक तक कुछ ही मिलियन की आबादी वाला शहर था, लेकिन आर्थिक उदारीकरण, उद्योगों के विस्तार और सेवा क्षेत्र के तेज विकास ने जकार्ता को पूरे देश के युवाओं के लिए आकर्षक बना दिया. यहां आने वाला अधिकांश प्रवासी युवा होता है, जिससे प्राकृतिक जनसंख्या बढ़ोतरी भी तेज रहती है और हर दशक में महानगर की कुल जनसंख्या में बड़ा इजाफा दर्ज होता है.
जकार्ता आर्थिक दृष्टि से इंडोनेशिया की धड़कन है. जकार्ता में ही सरकार, कॉरपोरेट, बैंकिंग, स्टार्ट-अप, व्यापार, बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय निवेश—सबका केंद्र है. यही कारण है कि देश की आंतरिक माइग्रेशन स्ट्रीम का सबसे बड़ा हिस्सा यहीं ठहरता है. शहर के आसपास बन रहे उपनगर जैसे बोगोर, तंगेरांग और बेकासी—ने जनसंख्या घनत्व को कई गुना बढ़ा दिया है.
जकार्ता में क्यों रहना होता जा रहा मुश्किल?
इतनी बड़ी आबादी के साथ चुनौतियां भी उतनी ही बड़ी हैं. ट्रैफिक जाम, अव्यवस्थित निर्माण, जल-भराव, प्रदूषण, भू-धंसान, कचरा-प्रबंधन और भीड़-भाड़ ने जकार्ता को रहने की दृष्टि से मुश्किल शहरों में शामिल कर दिया है.
सरकार ने राजधानी को बोर्नियो स्थित नए शहर नुसंतारा में स्थानांतरित करने का फैसला भी इसी अत्यधिक बोझ को देखते हुए किया. लेकिन इसके बावजूद जकार्ता की जनसंख्या घटती नहीं, बल्कि लगातार बढ़ती जा रही है, क्योंकि लोगों का मानना है कि अवसरों का असली केंद्र अभी भी यही है.
इस प्रकार जकार्ता का दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बनना किसी अचानक हुए बदलाव का परिणाम नहीं, बल्कि दशकों से जमा होते आए माइग्रेशन, आर्थिक महत्व, युवाओं की प्राकृतिक वृद्धि, और महानगर क्षेत्र के अनियंत्रित विस्तार की संयुक्त कहानी है.
दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है इंडोनेशिया
बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है. करीब 27 करोड़ आबादी वाले इंडोनेशिया में करीब 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. लेकिन, एक समय यहां हिंदू और बौद्ध राजाओं का प्रभाव था. इस्लाम के आगमन से पहले इंडोनेशिया में हिंदू धर्म प्रमुख धर्म था.
इंडोनेशिया में हिंदू धर्म पहली शताब्दी में भारतीय व्यापारियों, विद्वानों, पुजारियों और नाविकों के माध्यम से पहुंचा. 7वीं से 16वीं शताब्दी के बीच हिंदू-बौद्ध साम्राज्यों ने उस क्षेत्र के अधिकांश भाग पर शासन किया. इस्लाम का प्रसार 13वीं सदी के अंत में शुरू हुआ. शुरुआत में इस्लाम अरबी मुस्लिम व्यापारियों और फिर विद्वानों द्वारा मिशनरी गतिविधियों के माध्यम से फैलने लगा. शुरुआत में इस्लाम धर्म स्थानीय शासकों द्वारा अपनाया गया और फिर कुछ बड़े घरानों ने इस्लाम अपना लिया. इसके बाद मुस्लिमों की संख्या लगातार बढ़ती रही.