टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आने वाला है और इसकी शुरुआत हो रही है OpenAI और उसके CEO सैम ऑल्टमैन से. अब तक लोग ChatGPT को एक फ्री टूल की तरह इस्तेमाल करते आए थे, लेकिन आने वाले समय में यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चलेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, OpenAI की रणनीति अब सिर्फ स्मार्ट AI बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि कंपनी इसे एक विशाल कमाई करने वाली वैश्विक पेड सर्विस में बदलने पर जोर दे रही है. इसका मकसद यह है कि दुनिया में जितने लोग रोज या हफ्ते में ChatGPT का इस्तेमाल करते हैं, उनमें से बड़ी संख्या को पेड यूज़र बनाया जाए.
2030 तक ChatGPT बनेगा सब्सक्रिप्शन दिग्गज?
The Information की रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक ChatGPT के करीब 2.6 बिलियन साप्ताहिक यूज़र्स में से लगभग 8.5% लोग इसके पेड वर्ज़न खरीदेंगे. यह संख्या लगभग 220 मिलियन यानी 22 करोड़ पेड ग्राहकों की होगी. यह उपलब्धि ChatGPT को Netflix और Spotify जैसे ग्लोबल दिग्गजों की बराबरी तक ले जा सकती है. जुलाई 2025 तक करीब 35 मिलियन यूज़र पहले ही ChatGPT Plus और Pro जैसे पेड प्लान खरीद चुके थे, जिनकी कीमत भारत में ₹1,999 से लेकर ₹19,900 प्रति माह तक है. OpenAI मानता है कि यह तो बस शुरुआत है और आने वाले सालों में पेड सब्सक्रिप्शन इसकी आर्थिक नींव बनने वाले हैं.
कमाई बढ़ रही, लेकिन खर्च उससे भी तेज़
जब दुनिया ChatGPT की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता देखकर हैरान है, वहीं कंपनी के लिए असली चुनौती इसके बढ़ते खर्च हैं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि 2025 के अंत तक OpenAI की वार्षिक कमाई 20 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है. लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा सुपरकम्प्यूटर्स, GPU खर्च और रिसर्च पर खर्च होना तय है. 2025 की पहली छमाही में OpenAI ने 4.3 बिलियन डॉलर की कमाई की थी, लेकिन साथ ही 2.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च भी हो गए- जो यह साबित करते हैं कि GPT-5 जैसे बड़े मॉडल्स को चलाना और ट्रेन करना बेहद महंगा है. इसके बावजूद, सैम ऑल्टमैन लगातार कह रहे हैं कि OpenAI का लक्ष्य सिर्फ profit नहीं, बल्कि ऐसे प्रोडक्ट्स बनाना है जो दुनिया के काम करने का तरीका बदल दें- और इसके लिए यूज़र्स का पेड होना महत्वपूर्ण है.
ChatGPT से पैसा कमाने के नए तरीके
OpenAI सिर्फ सब्सक्रिप्शन पर निर्भर नहीं रहना चाहता. कंपनी अब शॉपिंग, ऐड फीचर्स और नए टूल्स के जरिए अलग-अलग कमाई के रास्ते खोल रही है. इस हफ्ते ChatGPT में एक नया पर्सनल शॉपिंग असिस्टेंट लॉन्च किया गया है, जिसमें यूज़र चैट के अंदर ही प्रोडक्ट्स को खोज, तुलना और खरीद सकेंगे. एक्सपर्ट मानते हैं कि यह फीचर आगे चलकर विज्ञापनों, ब्रांड पार्टनरशिप और कमिशन कमाई की दिशा भी खोल सकता है- जैसे Amazon Affiliates मॉडल.
फ्री AI का दौर बदल रहा है
अगर OpenAI की योजनाएं सफल होती हैं, तो ChatGPT दुनिया का पहला ऐसा AI प्लेटफॉर्म बन जाएगा जो सब्सक्रिप्शन आधारित बिज़नेस मॉडल में विशाल स्तर पर सफलता हासिल करेगा. मगर इस बदलाव का सबसे बड़ा असर उन करोड़ों यूज़र्स पर पड़ेगा जो अभी तक इसे फ्री में इस्तेमाल करते रहे हैं. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि लोग अपने इस पसंदीदा चैटबॉट के लिए आखिर कितना खर्च करने को तैयार हैं.