अयोध्या में ऐतिहासिक जश्न मनाया जा रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के ऊपर भगवा झंडा फहराया, जिसके बाद अब मंदिर औपचारिक तौर पर पूर्ण हो चुका है. यह कार्य राम लला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के 22 महीने बाद आखिरकार संपन्न किया गया है. यह 10×20 फीट का ध्वज, जिस पर सूर्य, ‘ॐ’ और कोविदार का वृक्ष बना है जो कि भगवान राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक है. यह समारोह मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी या विवाह पंचमी पर हुआ, जो राम और सीता के दिव्य विवाह का पवित्र दिन है, जिससे इस अवसर का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया है.
ध्वज पर बने चिह्न का क्या है मतलब
राम मंदिर के भगवा झंडे में सूरज, ओम और कोविदार पेड़ के तीन चिह्न हैं. सूरज राम के वंश को दिखाता है, ओम ब्रह्मांड की एनर्जी को दिखाता है, और कोविदार अयोध्या की पुरानी शाही परंपरा को दिखाता है.
कार्यक्रम में 7 हजार लोग हुए शामिल
इस कार्यक्रम में लगभग 7,000 मेहमान शामिल हुए, जिनमें RSS प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे गणमान्य व्यक्ति शामिल थे. बड़ी संख्या में आमंत्रित लोग मिडिल और लोअर-मिडिल-क्लास बैकग्राउंड, पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक समुदायों से थे, जो सबको साथ लेकर चलने की भावना को दर्शाता है. मंदिर के कर्मचारी और दान देने वाले भी इस आयोजन का हिस्सा थे. अपने दौरे के दौरान, PM मोदी ने सप्तमंदिर, शेषावतार मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर का दौरा किया और राम दरबार गर्भ गृह और राम लला गर्भ गृह में दर्शन और पूजा की. 2.7 एकड़ के इस कॉम्प्लेक्स में अब 14 और मंदिर, घंटियां, झंडे और गर्भगृह के ऊपर का शिखर है. इस मौके के लिए अयोध्या को फूलों, लाइटों, रंगोली और एक लेज़र शो से खूबसूरती से सजाया गया था.
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे, जिसमें लगभग 7,000 लोग, बैरिकेड और डिजिटल सर्विलांस थे, ताकि समारोह सुरक्षित और अच्छे से ऑर्गनाइज़ हो सके. झंडा फहराने सहित इस कार्यक्रम का दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण किया गया, जिससे देश भर के भक्त इस ऐतिहासिक पल के गवाह बन सके.
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