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दिल्ली में 6 साल के बच्चे पर पिटबुल ने किया अटैक, आधे कान को काटा, जानें- कुत्ते के काटने पर क्या करना चाहिए?

Delhi Pit bull Attack: दिल्ली से एक दिल दहला देने वाली खबर आ रही है, जहां पर एक 6 साल के बच्चे को पिटबुल ने काट लिया है. अगप आपको कुत्ता काट लेता है तो क्या करना चाहिए. आइए जानते हैं सारी बातें-

By: sanskritij jaipuria | Last Updated: November 25, 2025 10:56:16 AM IST



Delhi Pit bull Attack: दिल्ली जैसे बड़े शहरों में पालतू कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कई लोग कुत्ते को सिर्फ साथी समझकर पालते हैं, लेकिन कभी-कभी लापरवाही या गलत देखभाल के कारण ये ही पालतू जानवर लोगों के लिए खतरा बन जाते हैं. हाल ही में दिल्ली के प्रेम नगर क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें पड़ोसी के पिटबुल ने एक छोटे बच्चे पर अचानक हमला कर दिया. ये घटना न केवल भयावह है, बल्कि ये भी सोचने पर मजबूर करती है कि बड़े और आक्रामक नस्ल के कुत्तों को पालते समय किस तरह की जिम्मेदारियां निभानी चाहिए.

आइए इस घटना को विस्तार से समझते हैं, साथ ही ये भी जानते हैं कि कुत्ते के काटने पर क्या प्राथमिक उपाय करने चाहिए और ऐसे हमलों से कैसे बचा जा सकता है.

प्रेम नगर की घटना: गली में खेल रहे बच्चे पर अचानक हमला

23 नवंबर की शाम दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में 6 साल का बच्चा हमेशा की तरह गली में खेल रहा था. उसी समय पड़ोसी के पिटबुल ने अचानक बच्चे पर हमला कर दिया. हमला इतना तेज और अप्रत्याशित था कि बच्चा तुरंत जमीन पर गिर गया और कुत्ता उसे खींचता हुआ सड़क पर घसीटने लगा.

कुत्ते की मालकिन दौड़कर आई और बच्चे को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन पिटबुल इतनी आसानी से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं था. उसने बच्चे के दाहिने कान को अपने जबड़े में दबोच लिया. काफी मशक्कत और शोरगुल के बाद आसपास के लोगों की मदद से बच्चे को उसके चंगुल से छुड़ाया जा सका. ये घटना कुछ ही मिनटों की थी, लेकिन उन मिनटों ने परिवार और पूरे मोहल्ले को दहशत में डाल दिया.

बच्चे की हालत गंभीर 

हमले में बच्चा बुरी तरह घायल हो गया. पिटबुल ने उसका दाहिना कान आधा काट लिया. परिवार और पड़ोसियों ने मिलकर बच्चे को तुरंत BSA हॉस्पिटल पहुंचाया. वहां हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे बड़े हॉस्पिटल रेफर कर दिया. बाद में बच्चे को सफदरजंग हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया, जहां फिलहाल उसका इलाज चल रहा है.

चूंकि कुत्ते के काटने से संक्रमण और रेबीज जैसे गंभीर खतरे हो सकते हैं, इसलिए बच्चे को तुरंत चिकित्सा दी गई, ताकि आगे कोई परेशानी न हो.

कुत्ते के मालिक की गिरफ्तारी

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई. प्रेम नगर थाने में शाम 5:38 बजे पीसीआर कॉल की गई थी कि बच्चे पर पिटबुल ने हमला कर दिया है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे और उसके पिता का बयान दर्ज किया और कुत्ते की मालिक महिला को गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ उचित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

जांच में ये भी सामने आया कि कुत्ते का मालिक राजेश पाल का बेटा सचिन पाल पहले से ही हत्या की कोशिश के मामले में जेल में है. वही करीब डेढ़ साल पहले ये पिटबुल घर लेकर आया था.

कुत्ते के काटने पर सबसे जरूरी चीज 

कुत्ते के काटने का सबसे बड़ा खतरा संक्रमण और रेबीज है. इसलिए हमला होने के तुरंत बाद निम्न कदम उठाना बेहद जरूरी है:

 1. घाव को 10 मिनट बहते पानी से धोएं- बहते पानी से धुलाई करने से बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं और संक्रमण का खतरा कम होता है.

 2. साबुन से साफ सफाई- साबुन बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है. इसलिए घाव को हल्के हाथों से अच्छी तरह साफ करें.

 3. एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं- चोट को सुखाने के बाद उस पर एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं, ताकि संक्रमण न फैले.

 4. साफ पट्टी बांधें- घाव को धूल या गंदगी से बचाने के लिए पट्टी लगाना जरूरी है. इसे समय-समय पर बदलते रहें.

 5. डॉक्टर के पास तुरंत जाएं- यदि घाव गहरा है, लगातार खून बह रहा है, आसपास सूजन या लाल निशान दिख रहे हैं, तो देरी बिल्कुल न करें.

कुत्ते के काटने के संभावित नुकसान

कुत्ते के काटने के बाद जोखिम सिर्फ घाव का नहीं होता. कई बार इसके प्रभाव गहरे हो सकते हैं:

 1. संक्रमण- कुत्तों के मुंह में कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं जो इंसानों के शरीर में पहुंचकर गंभीर संक्रमण फैला सकते हैं.

 2. रेबीज का खतरा- रेबीज एक जानलेवा बीमारी है. अगर संक्रमित कुत्ते ने काटा है और समय पर इलाज नहीं हुआ तो ये घातक साबित हो सकता है.

 3. मांसपेशियों या नसों को नुकसान- अगर घाव गहरा है तो ये शरीर के अंदरूनी हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है.

 4. हड्डी को नुकसान- बड़े और ताकतवर कुत्तों का जोरदार काटना हड्डी तक चोट पहुंचा सकता है.

संक्रमण से बचने के जरूरी उपाय

सही समय पर सही कदम उठाना संक्रमण के खतरे को काफी कम कर देता है:

 घाव को साफ और ढका हुआ रखें
 पट्टी रोज बदलें
 गंदे हाथों से घाव को न छुएं
 डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीबायोटिक दवाएं समय पर लें
 टिटनस इंजेक्शन जरूर लगवाएं
 रेबीज का खतरा होने पर पूरी वैक्सीन कोर्स पूरा करें

घरेलू नुस्खों से बचें 

अक्सर लोग घाव पर हल्दी, शहद, सरसों का तेल या कोई और देसी उपाय लगाने की कोशिश करते हैं. ये तरीका गलत है. इससे घाव का संक्रमण बढ़ सकता है और इलाज में देरी हो सकती है. घरेलू उपायों की बजाय वैज्ञानिक और मेडिकल उपचार पर भरोसा करें.

कब डॉक्टर के पास जाना जरूरी है?

 जब घाव गहरा हो
 जब खून 10–15 मिनट बाद भी न रुक रहा हो
 काटने वाला कुत्ता संदिग्ध या अज्ञात हो
 जब 24 घंटे के भीतर बुखार या सूजन दिखाई दे
 जब आपको टेटनस या रेबीज का पिछला रिकॉर्ड न पता हो

क्या कुत्ते के काटने पर 14 इंजेक्शन लगते हैं?

कई लोग पुराने समय की बातों के आधार पर ये मानते हैं कि कुत्ते के काटने पर 14 इंजेक्शन लगते हैं. ये गलत है.
आज के समय में रेबीज के लिए 4 से 5 इंजेक्शन लगाए जाते हैं.
ये कुछ दिनों के अंतराल पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार लगते हैं और बिल्कुल सेफ होते हैं.

पिटबुल जैसी नस्लों को पालने में जिम्मेदारियां

पिटबुल, रॉटवाइलर और जर्मन शेफर्ड जैसे कुत्ते ताकतवर और कभी-कभी आक्रामक होते हैं. इन्हें पालते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

 सही ट्रेनिंग जरूरी है
 उन्हें खुला न छोड़ा जाए
 हमेशा मजबूत पट्टा और कमांड ट्रेनिंग हो
 पड़ोसियों की सेफटी को नजरअंदाज न करें
 घर में बच्चे हों तो ज्यादा सावधानी बरतें

प्रेम नगर की ये घटना हमें ये याद दिलाती है कि पालतू जानवर पालना सिर्फ शौक नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी है. एक छोटी सी चूक किसी और की जान को खतरे में डाल सकती है. इसलिए पालतू कुत्तों के मालिकों को चाहिए कि वे कुत्तों की ट्रेनिंग, देखभाल और सुरक्षा पर पूरा ध्यान दें.

दूसरी ओर, लोगों को भी ये जानना जरूरी है कि कुत्ता काटने पर कौन-सा प्राथमिक उपचार करना चाहिए और कब डॉक्टर के पास जाना जरूरी है. सही जानकारी और जागरूकता से ऐसी घटनाओं को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.

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